मैसूरु ज़मीन घोटाला: सिद्धारमैया को लोकायुक्त का समन, क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूरु जमीन आवंटन मामले में लोकायुक्त ने समन भेजा है। इससे पहले उनकी पत्नी से भी पूछताछ हो चुकी है। जानिए क्या है पूरा मामला।
Dheerendra Gopal | Published : Nov 4, 2024 1:09 PM IST / Updated: Nov 04 2024, 07:59 PM IST
Mysuru Land scam case: कर्नाटक लोकायुक्त ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बुधवार को समन किया है। मैसूरू जमीन आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पूछताछ के लिए एंटी-करप्शन निगरानी संस्था ने समन भेजा है। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती बी.एम. से पहले ही पूछताछ की है। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि समन मिलने के बाद पूछताछ के लिए जाएंगे।
सीएम, उनकी पत्नी और कई अन्य पर है एफआईआर
राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा लोकायुक्त जांच की अनुमति के खिलाफ कुछ दिनों पहले ही हाईकोर्ट में सीएम सिद्धारमैया ने अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने जांच की अनुमति के खिलाफ कोई आदेश नहीं पास किया। लोकायुक्त ने विशेष अदालत के आदेश पर पहले ही प्राथमिकी दर्ज की है। सिद्धारमैया और उनकी पत्नी के अलावा, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य का नाम एफआईआर में दर्ज है।
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अब समझिए पूरे मामले को...
लोकायुक्त के एफआईआर में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा उनकी पत्नी पार्वती, पत्नी के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू आदि के भी नाम है। मल्लिकार्जुन स्वामी ने ही देवराजू से जमीन खरीदकर अपनी बहन पार्वती को गिफ्ट की थी। लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को केस दर्ज किया था।
दरअसल, बीते दिनों कर्नाटक के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) जमीन आवंटन मामले में केस चलाने की अनुमति दी थी।
राज्यपाल के आदेश के बाद राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ गया था। उधर, सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) में जमीन आवंटन की जांच का रास्ता साफ हो गया।
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक कमर्शियल क्षेत्र में MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) ने 14 बेशकीमती जमीनों का आवंटन किया।
यह जमीन पार्वती की जमीनों को प्राधिकरण ने अधिग्रहित की गई उनकी जमीन के बदले में दी थी। लेकिन शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जो जमीनें प्राधिकरण ने पार्वती को आवंटित की थी वह उनकी अधिग्रहित जमीनों से कहीं अधिक कीमती थे।
शिकायतकर्ता के अनुसार, सिद्धारमैया ने पद का दुरुपयोग कर इन जमीनों का आवंटन कराया था। जब जमीनों का आवंटन किया गया तो सिद्धारमैया, राज्य के मुख्यमंत्री थे।