कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर भी संकट के बादल हैं। ऐसे में राज्य भी आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं। ऐसे में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मांगी है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर भी संकट के बादल हैं। ऐसे में राज्य भी आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं। ऐसे में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मांगी है। सरकार का कहना है कि लॉकडाउन के चलते सरकार के पास अब सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, हमने दिल्ली सरकार के राजस्व का रिव्यू किया है। हमें कर्मचारियों की सैलरी देने और दफ्तरों का खर्च उठाने के लिए 3,500 करोड़ रुपये हर महीने जरूरत है। जबकि पिछले दो महीने से 500-500 करोड़ रुपए इकट्ठा हुए हैं। बाकी स्रोतों से मिलाकर दिल्ली सरकार के पास कुल 1,735 करोड़ रुपए ही आए हैं।
केंद्र सरकार से मांगी मदद
मनीष सिसोदिया ने कहा, इस समय दिल्ली सरकार के सामने सबसे बड़ा संकट है कि अपने कर्मचारियों की सैलरी कैसे दी जाए। मैंने केंद्र सरकार से तुरंत राहत के तौर पर 5,000 करोड़ रुपए की मांग की है, मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री जी को चिट्ठी लिखी है।
दिल्ली सरकार को नहीं मिला पैसा
डिप्टी सीएम ने कहा, वित्त मंत्री ने आपदा राहत कोष से जो पैसा राज्यों को दिए हैं, वो पैसे दिल्ली सरकार को नहीं मिले हैं। इस वजह से दिल्ली में काफी वित्तीय दिक्कतें हैं। दिल्ली सरकार के पास कोई टैक्स नहीं आ रहे हैं, केंद्र सरकार से वैसे भी दिल्ली सरकार को कोई सहायता नहीं मिलती है।