LAC पर चीन के साथ तनातनी: सेना प्रमुख मनोज पांडे बोले- स्थिति स्थिर लेकिन कभी भी हो सकती है बड़ी घटना

सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमा (भारत-चीन सीमा) पर स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है, लेकिन अप्रत्याशित है। किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सैनिकों की पर्याप्त तैनाती की गई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2023 8:07 AM IST / Updated: Jan 12 2023, 06:28 PM IST

नई दिल्ली। एलएसी (India China border) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनातनी जारी है। पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के बाद दोनों ओर से सैनिकों की भारी तैनाती की गई है। इस बीच गुरुवार को भारत के सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित है। यहां कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सैनिकों को पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है।

सेना दिवस से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनोज पांडे ने कहा कि एलएसी पर विरोधी के किसी भी नापाक मंसूबे को नाकाम करने के लिए सैनिक तैनात किए गए हैं। स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है, लेकिन अप्रत्याशित है। किसी भी चुनौती से निपटने के लिए एलएसी पर सैनिकों की पर्याप्त तैनाती की गई है। दोनों पक्ष सात में से पांच मुद्दों को सुलझाने में सफल रहे हैं। हम सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बात कर रहे हैं। हमारी पूर्वी कमान के विपरीत (चीन की ओर) सैनिकों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

सही चल रहा पाकिस्तान से साथ संघर्ष विराम समझौता 
जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि फरवरी 2021 में जिस संघर्ष विराम समझौते पर सहमति बनी थी, वह सही चल रहा है। पाकिस्तान से आतंकवाद को समर्थन मिल रहा है। वहां भारत के खिलाफ काम करने वाले आतंकियों का इन्फ्रास्ट्रक्चर बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि आर्टिलरी इकाइयों में महिला कर्मियों को शामिल करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। 

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300 से अधिक चीनी सैनिकों ने की थी घुसपैठ की कोशिश 
गौरतलब है कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। 300 से अधिक चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी। यह दुस्साहस उन्हें बहुत भारी पड़ा था। भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट और जाट रेजिमेंट के जांबाज सैनिकों ने उन्हें पीट-पीटकर भगा दिया था। चीनी सैनिक अपने 25-30 सैनिकों को पिटता छोड़कर भाग निकले थे।

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