
Sonam Wangchuk Message: 24 सितंबर को लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किए गए पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष जारी रखने के लिए कहा है। जोधपुर सेंट्रल जेल से भेजे अपने संदेश में वांगचुक ने कहा कि वह लेह में हुए प्रदर्शन और उसके बाद पुलिस व सुरक्षा बलों की कार्रवाई की न्यायिक जांच पूरी होने तक जेल में रहने के लिए तैयार हैं।
वांगचुक ने अपने संदेश में कहा कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और जनता के सहयोग के लिए आभारी हैं। उन्होंने हिंसा के दौरान मारे गए चार लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों व गिरफ्तार लोगों के लिए प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने कहा कि मौत के मामलों की स्वतंत्र न्यायिक जांच जरूरी है। जब तक यह जांच पूरी नहीं होती, वह जेल में रहेंगे। लद्दाख प्रशासन ने 24 सितंबर की घटनाओं की जांच के लिए मजिस्ट्रेट की ओर से आदेश दिए हैं, लेकिन लेह अपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के बाद हिरासत में लिए गए 70 लोगों में से अब तक 30 को रिहा किया जा चुका है, जबकि बाकी 40 लोगों की रिहाई के प्रयास जारी हैं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जोधपुर जेल में बंद सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक से जुड़ी हेबियस कार्पसकी याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने 14 अक्टूबर तक के लिए सुनवाई को टाल दिया है। कोर्ट में वांगचुक के वकील कपिल सिब्बल ने दलील में कहा कि सोनम वांगचुक को जिन कारणों से हिरासत में लिया गया, उसकी कॉपी परिवार को नहीं सौंपी गई है। इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- हिरासत के कारण हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पहले ही दिए जा चुके हैं। इसकी कॉपी वांगचुक की पत्नी को देने पर विचार किया जाएगा।
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