21 दिनों के लॉकडाउन पर भड़कीं सोनिया, कहा- किसी देश ने नहीं किया ऐसा, बिना तैयारी के किया गया लागू

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज गुरुवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा,'केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के ले लिया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है।'
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 2, 2020 8:19 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज गुरुवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के ले लिया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए CWC की बैठक में सोनिया ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा। 

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि देश में कोरोना वायरस की स्थिति गंभीर है और इसे लेकर सरकार के कदम उठाए जाने की जरूरत तो थी लेकिन पीएम मोदी ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के ले लिया। इस 21 दिनों के लॉकडाउन की कोई तैयारी नहीं होने के कारण गरीबों और मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

लॉकडाउन जरूरी, लेकिन अनियोजित थाः सोनिया 

सोनिया गांधी ने कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन जरूरी था, लेकिन इसे अनियोजित तरीके से लागू किया गया। लॉकडाउन के कारण लाखों प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ। सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार को डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान करना चाहिए।

सरकार को नामित अस्पतालों, बेड की संख्या, क्वारनटीन और परीक्षण सुविधाओं और चिकित्सा आपूर्ति का विवरण प्रकाशित करना चाहिए। फसल कटाई के लिए किसानों पर लगा प्रतिबंध हटाना चाहिए। 
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से मध्यम वर्ग के लिए एक सामान्य न्यूनतम राहत कार्यक्रम तैयार करने और प्रकाशित करने की अपील की। 

दुनिया का कोई देश बिना व्यवस्था के लॉकडाउन नहीं करताः राहुल गांधी 

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकारों, फ्रंटल संगठनों, हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ना चाहिए और उन परिवारों को अपनी मदद की पेशकश करनी चाहिए जो अत्यधिक जोखिम में हैं। 
मजदूरों के पलायन पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम दो महीनों से कोरोना पर नजर बनाए हुए हैं और विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जो मजदूरों के रहने, खाने और उनके राशन की व्यवस्था किए बिना लॉकडाउन का ऐलान कर देता है। 
 

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