
नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में कई प्रदेशों में प्रवासी मजदूर फंस गए थे। जिन्हें सरकार स्पेशल ट्रेनों से वापस उनके घर पहुंचा रही है। इस बीच किराए को लेकर तमाम बवाल मचा हुआ है। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज यह ऐलान किया है कि मजदूरों के किराए का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी।
सोनिया ने सरकार से पूछा सवाल
सोमवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन लागू होने की वजह से देश के मजदूर अपने घर वापस जाने से वंचित रह गए। 1947 के बाद देश ने पहली बार इस तरह का मंजर देखा जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किमी. चलकर घर जा रहे हैं।
सोनिया गांधी ने बयान में कहा कि जब हम लोग विदेश में फंसे भारतीयों को बिना किसी खर्च के वापस ला सकते हैं, गुजरात में एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, अगर रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है तो फिर मुश्किल वक्त में मजदूरों के किराये का खर्च क्यों नहीं उठा सकता है?
देशवासियों की मदद और उनके साथ खड़े होने का प्रयासः सोनिया
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि राज्य की सभी कांग्रेस प्रदेश कमेटियां जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों को मदद करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश कमेटियां ऐसे लोगों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी। इसके अलावा उनकी मदद करने के लिए अन्य कदम भी उठाएगी। सोनिया ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का यह देशवासियों की मदद और उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े होने का प्रयास भर है।