हैदराबाद में साउथ स्टार पवन कल्याण की अपील, नेताजी की अस्थियां रेनकोजी मंदिर से भारत लाने तक होगा जनांदोलन

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियों को भारत लाकर उसे लाल किले पर स्थापित करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। साउथ के एक्टर पवन कल्याण ने नेताजी के लिए जनांदोलन करने की अपील की है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 25, 2022 12:32 AM IST

हैदराबाद। साउथ के मशहूर एक्टर पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियां (Netaji Subhash Chandra Bose mortal remains) भारत लाने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है। गुरुवार को हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने नेताजी की अस्थियां जापान के रेनकोजी मंदिर (Renkoji Temple) से भारत लाने और दिल्ली के लाल किले पर स्थापित करने की मांग उठाई। पवन कल्याण ने कहा कि सरकारें बदलती गईं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब जनता को आंदोलन के माध्यम से यह तय करना है कि नेताजी की अस्थियां भारत लायी जा सके। 

दरअसल, पवन कल्याण हैदराबाद के शिल्पकलावेदी में आयोजित नेताजी पुस्तक समीक्षा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। पवन ने इस अवसर पर बात की। जनसेना नेता पवन कल्याण ने मांग की कि टोक्यो के रेनकोजी मंदिर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियों को भारत लाया जाए। कल्याण ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थितयां अभी तक क्यों नहीं लायी गई हैं। नेताजी की अस्थियां लाकर लाल किले में रखा जाना चाहिए। 

बाजपेयी ने किया था वादा, पूरा किया जाना चाहिए

पवन कल्याण ने याद किया कि तत्कालीन प्रधान मंत्री वाजपेयी ने रेंकोजी मंदिर में एक आगंतुक पुस्तिका में लिखा था कि एक दिन नेताजी की अस्थियां भारत लाई जाएंगी। उन्होंने लोगों से हैदराबाद से आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया क्योंकि अगर लोग चाहें तो यह संभव होगा। उन्होंने लोगों से अस्थियां लाने में नेताजी का समर्थन करने का आग्रह किया।

लोग नेताजी की अस्थियां आने तक करें जनांदोलन

पवन कल्याण ने यह भी कहा कि लोग भी नेताजी की अस्थियों को जापान से भारत लाने के लिए सरकार पर दबाव बनाएं और उसके आने तक जन आंदोलन जारी रखें। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा, नेताओं पर दबाव बनाया जाना चाहिए तभी नेताजी का भारत लाया जाना संभव हो सकेगा। इस अवसर पर उन्होंने राख को लाने की मांग करते हुए लाल किले के लिए हैशटैग रिंकोज़ का अनावरण किया। नेताजी ने कहा कि इस देश की सेवाओं को उचित रूप से मान्यता नहीं दी गई।

नेताजी को नहीं मिल रहा उचित सम्मान

उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले देश सेवा में आने वालों के लिए पत्थर की तख्तियाँ और मूर्तियाँ स्थापित की जा रही हैं। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की सेवाओं को याद नहीं रखने में शर्म आती है। उन्होंने मांग की कि नेताजी के फोटो को कम से कम सौ रुपये के नोट पर छापा जाए। उन्होंने कहा कि हम इस देश में रहने के लायक नहीं हैं अगर हम उन महान लोगों को याद नहीं करते जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। उन्होंने जयहिंद का नारा लाने वाले नेताजी (नेताजी सुभाष चंद्र बोस) की प्रशंसा की और कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के मद्देनजर सुभाष चंद्र बोस का व्यापक विरोध हुआ था। नेताजी की लगभग 70 प्रतिशत सेना दक्षिण भारतीयों से बनी है। सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के अंतिम क्षण तक, उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम के विषय को पढ़ा और सुना।

यह भी पढ़ें:

World War II के चार नाजी कैंपों से जीवित बचे 96 साल के बुजुर्ग की रूसी हमले में मौत, फ्लैट में मारे गए बोरिस

मारियुपोल पर रूस ने कसा शिकंजा, दो सुपर पॉवरफुल बम गिराए, दो लाख से अधिक लोग हैं बंदरगाह शहर में फंसे

125 वर्षीय स्वामी शिवानंद की विनम्रता के कायल हुए पीएम मोदी-राष्ट्रपति भी, जानिए क्यों तोड़ना पड़ा दोनों को प्रोटोकॉल

Share this article

Latest Videos

click me!

Latest Videos

LIVE: अरुणाचल प्रदेश में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह
Sanjay Singh : 'UP Police Bharti में नवजवानों के भविष्य से नहीं होने देंगे खिलवाड़' #Shorts
Atishi Marlena LIVE: दिल्लीवासियों से पानी का इस्तेमाल को लेकर आतिशी मार्लेना की ख़ास अपील।
India से 3300 KM दूर मौजूद कुवैत कैसे बना भारतीय मजदूरों का ठिकाना?
Delhi Water Crisis: त्राहिमाम-त्राहिमाम-त्राहिमाम, AAP सरकार के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा