CBI के डायरेक्टर के चयन की रेस से बीएसफ के चीफ राकेश अस्थाना और एनआई के चीफ वाईसी मोदी बाहर हो गए हैं। इसे लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पैनल के दो अन्य सदस्यों सीजेआई जस्टिस रमन्ना व विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ मीटिंग हुई थी। इसमें जस्टिस रमन्ना ने तर्क दिया कि जिनकी सर्विस 6 महीने बची हो, उनके नाम की सिफारिश नहीं की जा सकती है। इसके बाद अब इस दौड़ में तीन नाम बचे हैं।
नई दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(Central Bureau of Investigation)यानी CBI के डायरेक्टर के चयन की रेस से बीएसएफ चीफ राकेश अस्थाना और एनआईए चीफ वाईसी मोदी के बाहर होने के बाद अब सिर्फ तीन नाम बचे हैं। ये हैं-महाराष्ट्र के पूर्व DGP सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के डायरेक्टर केआर चंद्र और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी। इनमें भी सुबोध कुमार जायसवाल रेस में आगे चल रहे हैं, क्योंकि वे सबसे सीनियर हैं।
चीफ जस्टिस ने दिया एक नियम का हवाला
सोमवार को CBI के डायरेक्टर के चयन के लिए बने पैनल की मीटिंग हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सीजेआई जस्टिस रमन्ना के अलावा विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। लिस्ट में तब 5 नाम थे। जस्टिस रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देकर कहा कि जिनकी सर्विस को 6 महीने से कम बचे हों, उनके नामों की सिफारिश नहीं की जा सकती है। जस्टिस के तर्क का अधीर रंजन ने समर्थन किया। यानी पैनल में से 2 सदस्यों के एकमत होने से बीएसएफ चीफ राकेश अस्थाना और एनआईए चीफ वाईसी मोदी रेस से बाहर हो गए। राकेश अस्थाना 31 अगस्त, जबकि वाईसी मोदी 31 मई को रिटायर हो रहे हैं।
बता दें कि चयन को लेकर यह बैठक 4 महीने पहले होनी थी। लेकिन टलती रही। इस पोस्ट के लिए 11 मई को 109 नामों की लिस्ट मिली थी। यह पोस्ट फरवरी से खाली है। इससे पहले इस पद पर ऋषि कुमार शुक्ल थे। अब प्रवीण सिन्हा CBI के अंतरिम प्रमुख हैं। इस पोस्ट पर सीनियर IPS बैच यानी 1984 से 1987 के बीच के अफसरों के नामों पर विचार किया जाता है।