क्या तीसरी लहर में ज्यादा संक्रमित होंगे बच्चे, भारतीय वैज्ञानिकों ने कही ये राहत भरी बात

भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित होंगे। इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि, अब तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने जो दावा किया है, वह राहत भरा है।

Asianet News Hindi | Published : May 25, 2021 6:59 AM IST / Updated: May 25 2021, 12:37 PM IST

नई दिल्ली. भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित होंगे। इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि, अब तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने जो दावा किया है, वह राहत भरा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे यह माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित होंगे। 

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन (NTAGI) के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, भारत में संक्रमण का मौजूदा डाटा यह नहीं दिखाता कि आने वाले समय में कोरोना का असर युवाओं और बच्चों पर ज्यादा पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने कहा, जब से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है, दोनों आयु वर्ग के लोगों के संक्रमित होने की संख्या भी बढ़ी है। 

तीसरी लहर की भविष्यवाणी करना संभव नहीं
डॉ अरोड़ा ने कहा, इस समय किसी तीसरी लहर की भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। लेकिन भारत और दुनिया के अन्य देशों में अभी तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके आधार पर यह मानने की कोई वजह नहीं है कि आने वाले हफ्तों या महीनों में जब अगली लहर आएगी, तो बच्चे असमान रूप से प्रभावित होंगे। 

हालांकि, उन्होंने बाल चिकित्सा संबंधित कोरोना सेवाओं में सुधार करने और बाकी प्रबंधन को ठीक करने की जरूरत पर जोर दिया। डॉ अरोड़ा ने कहा, हालांकि, यह जरूरी है कि नवजात, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशिष्ट देखभाल सुविधाओं की जरूरत है। 10 साल से कम उम्र के बच्चों को माता या पिता या अन्य किसी देखने वाले की आवश्यकता होगी। इसी तरह से संक्रमित गर्भवती महिला का समय से पहले प्रसव हो सकता है। हालांकि, इसे लेकर हेल्थ प्रोटोकॉल पहले से तैयार हो चुका है, इनकी अभी बाल चिकित्सा समूहों द्वारा रिव्यू चल रहा है। 

देश में बढ़ाई जा रहीं सुविधाएं
उन्होंने कहा, इसी तरह से यूनिक हॉस्पिटल केयर की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान दिया जा रहा है। डॉ अरोड़ा ने कहा, देश में पहले ही कोरोना से संक्रमित बच्चों का इलाज चल रहा है। ज्यादातर कोविड सेंटर्स में इसके प्रावधान हैं। लेकिन अभी बाल चिकित्सा कोरोना सेवाओं में और सुधार की जरूरत है। 

पहली-दूसरी लहर का डाटा देखें, तो बच्चों के संक्रमित होने का संकेत नहीं
इससे पहले एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा था कि ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि तीसरी लहर में बच्चे गंभीर रूप से अधिक संक्रमित होंगे। उन्होंने कहा, अगर हम पहली और दूसरी लहर का डाटा देखें, तो इनमें काफी समानता है और इसमें बच्चे काफी हद तक कम संक्रमित हुए हैं। जो बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें काफी कम लक्षण हैं। इसके अलावा वायरस में भी ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ, ऐसे में तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।

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