नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट एयरलाइंस को लेकर बड़ा बयान दिया है। डीजीसीए का कहना है कि स्पाइसजेट विश्वसनीय हवाई सेवाएं देने में फेल रहा है। डीजीसीए ने एयरलाइंस से तीन सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।
नई दिल्ली. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा है कि स्पाइसजेट एयरलाइंस विमान नियम 1937 के तहत सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवाएं स्थापित करने में विफल रही है। डीजीसीए ने कहा कि सितंबर 2021 में स्पाइसजेट के डीजीसीए के ऑडिट में पाया गया कि घटक आपूर्तिकर्ताओं को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा था। इसकी वजह से ही स्पेयर पार्ट्स की कमी हो गई।
3 सप्ताह में मांगा जवाब
विमानन नियामक डीजीसीए ने पिछले 18 दिनों में आठ तकनीकी खराबी की घटनाओं के बाद बुधवार को स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया है कि समीक्षा (घटनाओं) से पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव क्रियाएं (क्योंकि अधिकांश घटनाएं या तो घटक विफलता या सिस्टम से संबंधित विफलता से संबंधित हैं) के परिणामस्वरूप सुरक्षा मार्जिन में गिरावट आई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट को नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
क्या है इसके पीछे का कारण
डीजीसीए ने सितंबर 2021 में भी एयरलाइंस का मूल्यांकन किया था। तब यह पता चला था कि एयरलाइन कैश-एंड-कैरी (मॉडल) पर काम कर रही है और कंपनी ने सप्लायर को पेमेंट नहीं किया है। जिसकी वजह से स्पेयर पार्ट्स की कमी हो गई है। नियमित तौर पर कल पुर्जों के लिए बार-बार कहना पड़ रहा है। डीजीसीए ने कहा कि स्पाइसजेट विमान नियम 1937 के नियम 134 और अनुसूची XI के तहत सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवा स्थापित करने में विफल रही है।
मंत्री ने क्या दिया जवाब
DGCA के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सिंधिया ने ट्वीट किया कि यहां तक कि सुरक्षा में बाधा डालने वाली छोटी से छोटी गलती की भी गहन जांच की जाएगी और सुधार किया जाएगा।
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