NCP Split: दिल्ली पहुंची NCP की लड़ाई, शरद पवार के घर पर शुरू हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

एनसीपी (Nationalist Congress Party) के दो गुटों के बीच की लड़ाई महाराष्ट्र से दिल्ली पहुंच गई है। शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर NCP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई है।

Vivek Kumar | Published : Jul 6, 2023 2:10 AM IST / Updated: Jul 06 2023, 03:31 PM IST

नई दिल्ली। NCP (Nationalist Congress Party) के दो गुटों (अजित पवार गुट और शरद पवार गुट) के बीच चल रही लड़ाई दिल्ली तक पहुंच गई है। शरद पवार द्वारा बुलाई गई पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई है। बैठक दिल्ली स्थित शरद पवार के आवास पर हो रही है। बैठक में शरद पवार, उनकी बेटी सुप्रिया सुले और एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में शरद पवार गुट को असली एनसीपी बताने, बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और शरद पवार के नेतृत्व में आगे काम करने संबंधी प्रस्ताव पास किए जा सकते हैं। 

इससे पहले बुधवार को मुंबई में हुए शक्ति प्रदर्शन में अजित पवार गुट ने दम दिखाया था। महाराष्ट्र सरकार में उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट की बैठक मुंबई के बांद्रा में हुई, जबकि शरद पवार गुट की बैठक मुंबई के नरीमन पॉइंट पर हुई। एनसीपी के 53 विधायक हैं। अजित पवार गुट ने 42 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। इस गुट की बैठक में 31 विधायक आए। वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली बैठक में 13 विधायक मौजूद रहे।

अजित पवार गुट का दावा-शरद पवार को NCP अध्यक्ष पद से हटाया गया

अजित पवार गुट ने 5 जुलाई को चुनाव आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की। इसमें दावा किया गया कि 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी। इसमें शरद पवार को एनसीपी अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके साथ ही अजित पवार को एनसीपी अध्यक्ष चुना गया था।

शरद पवार ने अजित के दावे को किया खारिज

शरद पवार ने 30 जून को कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने के अजित के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बैठक में कार्यसमिति के सदस्य नहीं थे। पीसी चाको, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और फौजिया खान जैसे नेताओं को बैठक के बारे में जानकारी नहीं थी।

यह भी पढ़ें- NCP Crisis: महाराष्ट्र की सियासी उठापटक में पार्टी सिंबल पर दावा, होटल में क्यों छिपे एनसीपी विधायक- 10 प्वाइंट से जानें क्या-क्या हुआ?

गौरतलब है कि 2 जुलाई को अजित पवार ने बगावत किया था। वह आठ विधायकों को साथ लेकर एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं, आठ अन्य विधायकों को मंत्री बनाया गया है। अजित पवार गुट ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है।

यह भी पढ़ें- NCP Crisis: शरद पवार बोले- 'पार्टी सिंबल हमारे पास, वह कहीं नहीं जा रहा'- अजित पवार और बीजेपी को भी सुनाई खरी-खोटी

Share this article
click me!