इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डेटा चुनाव आयोग को मिला, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद SBI ने डिटेल सौंपी

Published : Mar 12, 2024, 07:07 PM ISTUpdated : Mar 13, 2024, 12:24 AM IST
Parties get Rs 545 cr through electoral bonds ahead of Himachal Pradesh, Gujarat elections

सार

सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सख्त लहजे में फटकार लगाया था। एपेक्स कोर्ट ने शुक्रवार की शाम तक चुनाव आयोग को सारा डेटा पब्लिश करने का निर्देश दिया है।

Electoral Bond data to ECI: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। मंगलवार की शाम तक सुप्रीम कोर्ट ने डेडलाइन दी थी। हालांकि, एसबीआई डेटा को देने के लिए तीन महीने का वक्त मांग रहा था लेकिन सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सख्त लहजे में फटकार लगाया था। एपेक्स कोर्ट ने शुक्रवार की शाम तक चुनाव आयोग को सारा डेटा पब्लिश करने का निर्देश दिया है। हालांकि, अभी तक एसबीआई के चेयरपर्सन व एमडी ने कोर्ट के आदेश के तहत डेटा देने संबंधी कोई हलफनामा नहीं दिया है।

दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए किसी भी सूरत में 12 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड का डिटेल डेटा चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान SBI ने सुप्रीम कोर्ट से चुनावी बॉन्ड की डिटेल देने के लिए और वक्त की मांग की थी।

संविधान पीठ ने रद्द किया इलेक्टोरल बॉन्ड

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को अवैध घोषित करते हुए इसे रद्द किया था। पांच जजों की इस संविधान पीठ की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। इस बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। बीते 15 फरवरी को संविधान पीठ ने केंद्र की चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया जिसमें गुमनाम राजनीतिक फंडिंग की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए 13 मार्च तक दानदाताओं द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं के बारे में ECI को खुलासा करने का आदेश दिया था। इलेक्टोरल बॉन्ड बेचने को अधिकृत SBI को 6 मार्च तक 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बांड का विवरण पोल पैनल को सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक जानकारी प्रकाशित करे।

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