केंद्र की सभी राज्यों की सरकारों को चेतवानी, कहा- कुपोषण दूर करने पर ध्यान दें


नई दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने राज्यों से ‘पोषण अभियान’ के तहत एक महीने तक चलने वाले अभियान के दौरान शहरी क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों और वंचित लोगों के बीच कुपोषण से निपटने पर काम करने को कहा है।सरकार ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती गरीबी, खाद्य सुरक्षा के जोखिमों और सेहत के लिए हानिकारक खानपान के माहौल के चलते कुपोषण की समस्या है। इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वे अपनी स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं को झुग्गी बस्तियों और वंचित तबके तक पहुंचाएं।

rohan salodkar | Published : Sep 14, 2019 3:04 PM IST

नई दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने राज्यों से ‘पोषण अभियान’ के तहत एक महीने तक चलने वाले अभियान के दौरान शहरी क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों और वंचित लोगों के बीच कुपोषण से निपटने पर काम करने को कहा है।सरकार ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती गरीबी, खाद्य सुरक्षा के जोखिमों और सेहत के लिए हानिकारक खानपान के माहौल के चलते कुपोषण की समस्या है। इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वे अपनी स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं को झुग्गी बस्तियों और वंचित तबके तक पहुंचाएं।

महिला और बाल विकास मंत्रालय लिखा पत्र
राज्य और जिला प्रशासन को भेजे एक पत्र में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा, “शहरी क्षेत्रों में पोषण अभियान के तहत होने वाली गतिविधियां के जरिए झुग्गी बस्तियों और वंचित तबकों के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं को पहुंचाने की कोशिश होनी चाहिए।”इसमें राज्यों, जिलों और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है, जिसमें वंचित तबकों और झुग्गी बस्तियों में रह रहे लोगों पर विशेष ध्यान देने की बात शामिल है।इसमें राज्यों से आगे कहा गया है कि वे विभिन्न विभागों के बीच तालमेल, शहरी स्वास्थ्य मिशन के विकास और स्वच्छ भारत मिशन के संदेश के प्रसार जैसे कदम भी उठाएं।मंत्रालय ने राज्यों से कहा है, “वंचित तबकों से संपर्क करने के लिए श्रम सघन उद्योगों या निजी नियोक्ता के साथ मिलकर काम करना चाहिए और उन्हें पोषण अभियान के बारे में जागरुक करना चाहिए।”इसमें राज्यों और जिलों से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को बढ़ावा देने और शहरी इलाकों तथा झुग्गी बस्तियों में एनीमिया कैंप लगाने के लिए भी कहा गया है।केंद्र सरकार ने 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम का मकसद जन्म के समय कम वजन, धीमी वृद्धि, कुपोषण और बच्चों, किशोरियों तथा महिलाओं में एनीमिया को कम करना है।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है)

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