दिल्ली हिंसा पर बोले सुरजेवाला -तांडव को रोक पाने में अमित शाह नाकाम, मोदी उन्हें बर्खास्त करें

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया है। सुरेजवाला ने मोदी से शाह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग उठाई है।
 


नई दिल्ली. दिल्ली में 26 जनवरी को हुए उपद्रव के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि उपद्रवियों की अगुवाई कर रहे अवांछित तत्वों पर मुकदमे दर्ज न कर किसान मोर्चा नेताओं पर मुकदमे दर्ज करना मोदी सरकार और उपद्रवियों की मिलीभगत व साजिश को दिखाता है।

सुरजेवाला का बयान
देश की राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन की आड़ में हुई सुनियोजित हिंसा व अराजकता के लिए सीधे गृहमंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं। तमाम खुफिया इनपुट के बावजूद हिंसा के तांडव को रोक पाने में नाकामी के चलते उन्हें अपने पद पर बने रहने का हक नहीं है। सालभर के भीतर दूसरी बार हुई इस हिंसा को रोक पाने में बुरी तरह विफल रहने वाले अमित शाह को उनके पद से फौरन बर्खास्त किया जाना चाहिए। यदि प्रधानमंत्री अब भी उन्हें बर्खास्त नहीं करते, तो इसका मतलब साफ है कि उनकी अमित शाह से प्रत्यक्ष मिलीभगत है।

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सुरेजवाला ने कहा कि आजादी के 73 सालों में यह पहला मौका है, जब कोई सरकार लाल किले जैसी राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा करने में बुरी तरह नाकाम रही। किसानों के नाम पर साज़िश के तहत चंद उपद्रवियों को लाल किले में घुसने दिया गया और दिल्ली पुलिस कुर्सियों पर बैठी आराम फरमाती रही। 

दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों की अगुआई कर रहे दीप सिद्धू व उनके गैंग की बजाय संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उपद्रवियों के साथ भाजपा सरकार की मिलीभगत व साजिश को खुद ही बेनकाब कर दिया है।

बीते 63 दिनों से लाखों अन्नदाता दिल्ली के दरवाजे पर तीनों काले कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्वक अपना आंदोलन कर रहे थे। सवाल यह है कि अचानक ऐसा क्या हुआ, जो वो इतना बिफर गए? सीधा सवाल है कि केवल 30 से 40 ट्रैक्टर लेकर उपद्रवी लाल किले में कैसे घुस पाए? जो दीप सिद्धू प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ फोटो खिंचवाता है, उसे और उसके समर्थकों को लाल किले तक जाने की अनुमति किसने दी?


सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि क्या हिंसा का वातावरण बना यह सब किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश नहीं? क्या यह दिल्ली दंगों, शाहीन बाग, सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों, जेएनयू दिल्ली विश्वविद्यालय प्रकरण की पुनरावृत्ति तो नहीं?
 

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