दिल्ली हिंसा: सामने आया सबसे बड़ा विलेन,पुलिस ने दिखाई वीडियाे क्लिप और कहा-हिंसा करने वालों को छोड़ेंगे नहीं

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हिंसा की पहले से तैयारी थी। ट्रैक्टर परेड में हिंसक लोगों को आगे किया गया। वहीं, नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर किसानों को बैरीकेड्स तोड़कर लाल किले की ओर दौड़ा दिया। इस मामले में सबसे बड़ा नाम किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्य सतनाम सिंह पन्नू का सामने आया है। इस मामले में 22 FIR दर्ज की गई हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2021 3:11 PM IST / Updated: Jan 27 2021, 09:04 PM IST

नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के लिए किसान नेताओं को ही पूरी तरह दोषी माना जा रहा है। बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एनएन श्रीवास्तव ने प्रेस कान्फ्रेंस में किसानों को भड़काने के पीछे की साजिशें उजागर कीं। पहले बता दें कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हिंसा फैलाने के बाद पुलिस ने NOC का उल्लंघन करने वाले सभी नेताओं पर 22 FIR दर्ज कर ली हैं। इनमें किसान नेता राकेश टिकैत, स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव सहित डॉ. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल हैं। 

हिंसा फैलाने में किसान नेता पन्नू का नाम आया सामने..
 दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि किसानों ने अपनी शर्तों का उल्लंघन किया। 25 जनवरी की शाम को पुलिस को पता चल गया था कि किसान अपने वादे से मुकर रहे हैं। हिंसक लोग आगे आ गए हैं। उन्होंने आंदोलन के मंच पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए। इससे उनकी मंशा साफ हो गई थी।

नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के लिए किसान नेताओं को ही पूरी तरह दोषी माना जा रहा है। बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एनएन श्रीवास्तव ने प्रेस कान्फ्रेंस में किसानों को भड़काने के पीछे की साजिशें उजागर कीं। पहले बता दें कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हिंसा फैलाने के बाद पुलिस ने NOC का उल्लंघन करने वाले सभी नेताओं पर FIR दर्ज कर ली है। इनमें किसान नेता राकेश टिकैत, स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव सहित डॉ. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल हैं। 

हिंसा फैलाने में किसान नेता पन्नू(इनसेट फोटो) का नाम आया सामने..
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि किसानों ने अपनी शर्तों का उल्लंघन किया। 25 जनवरी की शाम को पुलिस को पता चल गया था कि किसान अपने वादे से मुकर रहे हैं। हिंसक लोग आगे आ गए हैं। उन्होंने आंदोलन के मंच पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए। इससे उनकी मंशा साफ हो गई थी। कमिश्नर ने बताया कि तय समय से पहले किसानों ने 8.30 बजे ही मार्च निकालना शुरू कर दिया था। शर्त के अनुसार उन्हें दायें मुड़ना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वे धरने पर बैठ गए। यहां सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिए। इसके बाद किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। लाल किले पर हंगामा किया। दर्शन पाल ने भी तय रूट पर जाने से मना कर दिया।

पन्नू की वीडियो क्लिप दिखाई
पुलिस ने सतनाम सिंह पन्नू की एक वीडियो क्लिप भी दिखाई। टीकरी और सिंघु बॉर्डर से भी आंदोलनकारी 12 के बजाय सुबह 8.30 बजे से ही निकल पड़े थे। मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने अपने भड़काऊ भाषणों से किसानों को उग्र कर दिया। पुलिस ने पन्नू की यह वीडियो क्लिप भी दिखाई। वीडियो में पन्नू कहते सुने गए कि किसान बैरिकेड्स तोड़कर आगे जाएं। इसके बाद किसान हंगामा करते हुए टीकरी से निकले और नांगलोई में धरने पर बैठ गए। यहां भी खूब हिंसा हुई। इसके बाद से लाल किले पहुंच गए।

किसान नेता जिम्मेदार
पुलिस ने बताया कि किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस के दिन परेड न निकालने को कहा गया था। इसके लिए कोई दूसरा दिन देख सकते थे। किसानों से 5 राउंड बातचीत हुई, लेकिन वे नहीं मानें। ऐसे में पुलिस ने किसानों के मार्च के लिए लिए कोंडली-मानेसर-पलवल रूट तय किया। किसानों की परेड के लिए तीन रूट तय किए गए थे। पहला सिंघु रूट, जिसकी दूरी 63 किलोमीटर थी। दूसरा टीकरी रूट, जिसकी दूरी 74 किलोमीटर थी, जबकि तीसरा रूट गाजीपुर का था। इसकी दूरी 46 किलोमीटर थी। किसान नेताओं ने अपनी शर्तों का उल्लंघन किया। परेड 12 बजे के बजाय सुबह ही निकालना शुरू कर दी। हर ट्रैक्टर के साथ एक लीडर चलने को कहा गया था, ताकि कोई बेकाबू न हो। इसके अलावा 5 हजार ट्रैक्टर हों। किसी के पास भाला, तलवार जैसी हथियार न हों। लेकिन इन शर्तों का उल्लंघन किया गया।

1 फरवरी का संसद मार्च कैंसल
इस बीच दिल्ली हिंसा को देखते हुए किसान संगठनों ने आंदोलन को पीछे समेटना शुरू कर दिया है। किसान संगठनों ने 1 फरवरी को संसद तक मार्च का ऐलान किया था। बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर मीडिया से चर्चा करते हुए किसान नेता बलबीर राजेवाल ने इसे कैंसल करने की घोषणा की।

#WATCH live: Delhi Police addresses the media regarding the violence during farmers' tractor rally yesterday. https://t.co/vzt5Umpt4q

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