Sulli Deals Case : गिरफ्तार ओंकारेश्वर के पिता ने कहा- बेटे पर लगाए आरोप झूठे, पुलिस बोली - पुख्ता सबूत हैं

Sulli Deals case : ओंकारेश्वर के पिता ने आरोप लगाया कि दो लोग आए और बेटे को लैपटॉप और मोबाइल के साथ लेकर चले गए। इस बीच दिल्ली पुलिस के डीसीपी (IFSI) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि हम bulli bai app की जांच कर रहे हैं। इस मामले में गिरफ्तार नीरज बिश्नोई से पूछताछ जारी है। उसी से ओंकारेश्वर का लिंक मिला। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2022 11:04 AM IST / Updated: Jan 09 2022, 04:39 PM IST

नई दिल्ली/इंदौर। Sulli Deals Case में इंदौर से गिरफ्तार ओंकारेश्वर ठाकुर के पिता ने पुलिस पर बेटे को जबरन गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। उधर, दिल्ली पुलिस का कहना है कि bulli bai app मामले की जांच के दौरान उन्हें ओंकारेश्वर के बारे में पुख्ता सबूत मिले। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई है। 
ओंकारेश्वर के पिता अखिलेश ने इंदौर में बताया कि रविवार को  2 अधिकारी आए और ओंकारेश्वर को उसके लैपटॉप और फोन के साथ ले गए। बाद में उन्होंने मुझे फोन करके बताया कि बेटे को दिल्ली ले जाया जा रहा है। अखिलेश का कहना है कि वह पेशे से वेब डिजाइनर है और उस पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में अधिकारियों से मिलेंगा।  

डीसीपी ने कहा- Bulli bai app की जांच में मिले सबूत 
ओंकारेश्वर के पिता के आरोपों के बीच दिल्ली पुलिस के डीसीपी (IFSI) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि हम bulli bai app की जांच कर रहे हैं। इस मामले में गिरफ्तार नीरज बिश्नोई से पूछताछ जारी है। इस दौरान इस ऐप से जुड़ी जांच पड़ताल में हमें हमें ऐसे सबूत मिले, जिनसे हमें ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार करने में मदद मिली। उसने सुल्ली डील्स ऐप (Sulli Deals app) के लिए कोड लिखा था। ओंकारेश्वर ठाकुर से पूछताछ की जा रही है। उसके लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। 

सेना के वीडियो में किया गया वॉयस ओवर 
मल्होत्रा ने बताया कि मामला तब संज्ञान आया जब 46 ट्विटर अकाउंट हैंडल पर सेना के वीडियो में कुछ बदलाव दिखे। इसमें वॉयरओवर के साथ ही एंटी कम्युनिटी एंगल दिखे। उन्होंने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हो गया कि ये अकाउंट पाकिस्तान से संचालित किए गए थे। 

मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने पर गिरफ्तारी 
दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्‍ट्रैटीजिक ऑपरेशंस, स्‍पेशल सेल के डीसीपी केपीएस मल्‍होत्रा ने बताया कि ओंकारेश्‍वर ने इंदौर की आईपीएस एकेडमी से बीसीए की पढ़ाई की। ऐप बनाने का मकसद मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करना था। ओंकारेश्वर ठाकुर ने GitHub पर ऐप का कोड डवलेन किया और फिर GitHub का एक्‍सेस ग्रुप के सभी ट्विटर ग्रुप के सदस्यों को दिया। उसने ट्विटर अकाउंट पर भी ऐप साझा किया था। ग्रुप के सदस्‍यों ने मुस्लिम महिलाओं की तस्‍वीरें अपलोड कीं। बाद में इसी से मिलता जुलता ऐप बुल्ली बाई क्रियेट किया गया। इसमें तस्वीर सामने आने के बाद मामला संज्ञान में आया और मुंबई की एक महिला पत्रकार ने पुलिस में FIR भी दर्ज कराई।

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