सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली सरकार (Delhi Govt) को आरआरटीएस प्रोजेक्ट (RRTS Project) के लिए फंड ट्रांसफर न करने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चेतावनी भी दी है।
Supreme Court Delhi Govt. सुप्रीम कोर्ट ने आरआरटीएस प्रोजेक्ट (RRTS Project) के लिए फंड ट्रांसफर न करने को लेकर दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह में फंड ट्रांसफर नहीं किया गया तो सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली सरकार के विज्ञापन फंड को आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए जारी करने का आदेश दे देगी। कोर्ट ने कहा कि सीनियर वकील के अनुरोध पर यह टाइम दिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम दिल्ली सरकार के विज्ञापन फंड के लिए दिए जाने वाले पैसे को आरआरटीएस प्रोजेक्ट को जारी करने का निर्देश देने के लिए बाध्य हैं। सीनियर एडवोकेड ने अनुरोध किया है, इसलिए हम दिल्ली सरकार को 1 सप्ताह का समय दे रहे हैं। इस समयसीमा में प्रोजेक्ट के लिए पैसा ट्रांसफर हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो हमारा आदेश लागू हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका विज्ञापन बजट तीस साल में 1100 करोड़ रुपए है लेकिन जरूरी आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं है। इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली और यूपी दोनों राज्य सरकारों को भुगतान करना है। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी दिल्ली सरकार को वार्निंग दे चुका है।
क्या है आरआरटीएस प्रोजेक्ट
दिल्ली-मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानि आरआरटीएस प्रोजेक्ट है। इसके तहत दिल्ली से मेरठ तक के लिए हाईस्पीड ट्रेन चलाई जा रही है। फिलहाल इस प्रोजेक्ट की शुरूआत हो चुकी है और नई दिल्ली निजामुद्दीन स्टेशन ने गाजियाबाद के दुहाई तक ट्रेन सेवा बहाल कर दी गई है। फिलहाल 17 किलोमीटर लंबा ट्रैक ही चालू हो पाया है। इस ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटे है। दिल्ली से मेरठ तक यह पूरा प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा किया जाना है। रिपोर्ट के मुताबिक इस सेवा का प्रतिदिन करीब 8 लाख लोग लाभ उठाएंगे।
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