
Delhi NCR Vehicle Ban: दिल्ली और नेशनल कैपिटल रीजन के कार मालिकों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत आई है। कोर्ट ने साफ कहा है कि 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन के मालिकों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को बैन कर दिया गया था।
दरअसल, कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने जुलाई में आदेश जारी किया था कि एंड ऑफ लाइफ कैटेगरी में आने वाले वाहनों के लिए फ्यूल सप्लाई बंद कर दी जाएगी और इन्हें स्क्रैप किया जाएगा। यह आदेश 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर था। हालांकि, दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप के बाद इसे 1 नवंबर तक टाल दिया गया था।
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा याचिका का उल्लेख करने के बाद, चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजनिया की बेंच ने आदेश दिया कि फिलहाल, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ उनकी उम्र के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने केंद्र और CAQM को नोटिस भी जारी किया जिसका जवाब चार हफ्ते में मांगा गया है।
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि 2018 और 2025 की स्थिति में जमीन-आसमान का फर्क है। अब आधुनिक तकनीक मौजूद है। अगर कोई वाहन प्रदूषण फैला रहा है तो चाहे वह 5 साल पुराना हो या 15 साल, उस पर रोक लगनी चाहिए। प्रदूषण ही आधार होना चाहिए, उम्र नहीं।
दिल्ली में 10 साल पुरानी गाड़ियों को बैन करने के पीछे साइंस और पर्यावरण अध्ययन का रिसर्च है। उसमें यह सामने आया कि 10 साल पुरानी हो चुकी कार खराब धुआं फैलाती है। इसके अलावा इसका सही से देखरेख भी नहीं होता है। ऐसे में हमारे पर्यावरण में काफी जहरीली गैस मिलती है, जो बेहद खतरनाक है। डीजल फ्यूल में Particular Matter (PM) और NOx गैस ज्यादा निकलती है। यह हमारे दिल और फेफड़ों के लिए बेहद खतरनाक बन सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्ग लोगों पर होता है।