सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा- बागी विधायकों की करें सुरक्षा, फ्लोर टेस्ट पर नहीं दिया अंतरिम आदेश

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के बागी विधायकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 11 जुलाई तक उन्हें अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही को रोक दिया है। इसके साथ ही सरकार को उनकी सुरक्षा के इंतजाम करने का निर्देश दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 27, 2022 11:06 AM IST / Updated: Jun 27 2022, 04:59 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के बागी विधायकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बागी विधायकों के अयोग्यता की कार्यवाही पर 11 जुलाई शाम 5:30 बजे तक रोक लगा दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जरवाल ने बागी विधायकों से सोमवार शाम तक जवाब मांगा था। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी 39 बागी विधायकों और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि विधायकों की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचे। 

फ्लोर टेस्ट पर नहीं मिला अंतरिम आदेश
कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की इस याचिका पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया कि 11 जुलाई तक विधानसभा में कोई फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ भी गलत होता है तो आप हमारे पास आ सकते हैं। जज सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला के अवकाश बेंच ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने उन्हें बागी विधायकों द्वारा उन्हें दिए गए नो ट्रस्ट नोटिस के हलफनामे को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने महाराष्ट्र के वकील का बयान भी दर्ज किया कि बागी विधायकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने महाराष्ट्र भवन, डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी और केंद्र को भी नोटिस भेजा है। डिप्टी स्पीकर को पांच दिन में अपना जवाब देने को कहा गया है। 

एकनाथ शिंदे ने लगाई सुरक्षा की गुहार
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बागियों के वकील से पूछा कि उन्होंने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया? इस पर वकील एनके कौल ने जवाब दिया कि विद्रोहियों के घरों और संपत्तियों को खतरा है। इसके चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दायर एक अलग याचिका में एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के विधायकों के जीवन के लिए "गंभीर खतरा" का दावा किया। याचिका में संजय राउत की "शवों" वाली टिप्पणी का भी उल्लेख किया गया और सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाई गई।

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बता दें कि महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल ने एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए दी गई समय सीमा को 12 जुलाई तक बढ़ा दिया। इससे पहले उन्हें कहा गया था कि सोमवार शाम 5.30 बजे तक अपना जवाब जमा करें। मामले की सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी।

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