हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: CCTV कैमरा और डीसीपी लेवल की कमेटी के गठन का आदेश

एपेक्स कोर्ट ने कहा कि हर जिलों में डीसीपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में हेट स्पीच पर निगरानी और कार्रवाई के लिए कमेटी होनी चाहिए।

Nuh Violence: सुप्रीम कोर्ट ने नूंह हिंसा के दौरान हेट स्पीच और मुस्लिम समुदाय के आर्थिक व सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सुनवाई करते हुए कई कड़े निर्देश दिए हैं। एपेक्स कोर्ट ने कहा कि हर जिलों में डीसीपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में हेट स्पीच पर निगरानी और कार्रवाई के लिए कमेटी होनी चाहिए। किसी भी जनसभा या कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी इंस्टॉल अनिवार्य रूप से हो। अगर सीसीटीवी कैमरा नहीं हैं तो उस कार्यक्रम या रैली की वीडियो रिकॉर्डिंग अवश्य ही कराई जाए।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में नूंह हिंसा के बाद कई याचिकाएं दायर की गई थी। एक याचिका में हेट स्पीच पर रोक लगाने सहित किसी प्रकार की सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली सभाओं और रैलियों के प्रतिबंध की मांग की गई थी। इसके अलावा एक अन्य याचिका में मुस्लिम समाज के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार करने के आह्वान पर कार्रवाई की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के दायरे में आने वाली सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि कोर्ट पूर्व में ही हेट स्पीच के खिलाफ आर्डर जारी कर चुका है जिसका अक्षरश: पूरी तरह से पालन करना होगा। कोर्ट ने यह आदेश तहसीन पूनावाला केस में दिया था। 

2018 में सुप्रीम कोर्ट का मॉब लिंचिंग रोकने के लिए हेट स्पीच के खिलाफ दिए गए डायरेक्शन के अनुसार सभी जिलों में डीसीपी के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया जाए। जिस भी जिले में चार या पांच ऐसे केस हों, एकमात्र कमेटी के डीसीपी नोडल अफसर को सूचना देकर अन्य कमेटियों का भी गठन कराएंगे ताकि यह सुनिश्चित की जा सके कि किसी प्रकार से हेट स्पीच की कहीं गुंजाइश न हो। ऐसी जगहों जहां सभाएं, रैलियां या कोई कार्यक्रम हो रहा है, वहां सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना अनिवार्य है। अगर किन्हीं वजहों से ऐसी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल नहीं किए गए तो उस इवेंट की कंप्लीट वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है।

नूंह हिंसा में आधा दर्जन लोगों की जा चुकी है जान

बीते 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के जुलूस पर भीड़ ने हमला कर दिया था। दरअसल, जुलूस के पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें हेट स्पीच के एक आरोपी ने जुलूस में शामिल होने की बात कहते हुए दूसरे समुदाय को चुनौती दी थी। इसके बाद जुलूस के दौरान दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए और जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई। नूंह से शुरू हुई हिंसा पड़ोसी गुरुग्राम तक फैल गई। हिंसा ने हरियाणा के कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया। सैकड़ों गाड़ियां जला दी गई, सैकड़ों दूकानों को आग के हवाले भीड़ ने कर दिया। इन झड़पों में छह लोग मारे गए थे। इस मामले में पुलिस ने 61 FIR दर्ज की हैं, 280 से अधिक आरोपियों को पकड़ा है।

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