Chandrayaan-3 Update: ISRO ने दी एक और खुशखबरी, चांद पर 8 मीटर चला प्रज्ञान रोवर

Published : Aug 25, 2023, 07:07 PM ISTUpdated : Aug 25, 2023, 07:32 PM IST
Pragyan Rover Update

सार

इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचे प्रज्ञान रोवर से जुड़ी एक नई खुशखबरी शेयर की है। इसरो के मुताबिक, चंद्रमा की धरती पर प्रज्ञान रोवर ने 8 मीटर की दूरी तय कर ली है।

Chandrayaan-3 Update: इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचे प्रज्ञान रोवर से जुड़ी एक नई खुशखबरी शेयर की है। इसरो के मुताबिक, चंद्रमा की धरती पर प्रज्ञान रोवर ने 8 मीटर की दूरी तय कर ली है। इसके साथ ही इसरो ने ये भी बताया है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर लगे सभी पेलोड्स अच्छे तरीके से काम कर रहे हैं। बता दें कि चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया था। इसके बाद लैंडर विक्रम से प्रज्ञान रोवर बाहर निकल कर चांद की सतह पर आया था।

इसरो द्वारा लगातार लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से जुड़े अपडेट्स शेयर किए जा रहे हैं। शुक्रवार 25 अगस्त को इसरो (ISRO) ने बताया कि चंद्रमा पर रोवर प्रज्ञान ने 8 मीटर की दूरी तय की है। इसके अलावा रोवर से जुड़े पेलोड LIBS और APXS ऑन हैं और अच्छी तरह काम कर रहे हैं। इसके अलावा प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर लगे सभी पेलोड भी सुचारू तरीके से अपना काम कर रहे हैं।

रोवर का सोलर पैनल भी खुला

बता दें कि इससे पहले ISRO ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक वीडियो शेयर किया, जिसमें चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम के टचडाउन की इमेज है। इस इमेज को लैंडर इमेजर कैमरे ने खींचा है। वहीं, 30 सेकेंड के एक अन्य वीडियो में लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर निकल कर चांद की जमीन पर उतरता दिख रहा है। इसरो का कहना है कि रोवर के सोलर पैनल खुल चुके हैं, जिससे अब वो पावर जनरेट कर अपना काम करेगा।

 

 

प्रज्ञान रोवर इकट्ठा करेगा चांद से जुड़ी अहम जानकारी

प्रज्ञान रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर मौजूद मिट्टी, चट्टान और बर्फ आदि के नमूने इकट्ठे कर लैंडर विक्रम को भेजेगा। बाद में लैंडर उस डेटा को बेंगलुरू स्थित इसरो के कमांड सेंटर में भेजेगा। बता दें कि 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर विक्रम ने चांद की सतह को छुआ। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही भारत चांद के किसी भी क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया। इसस पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं।

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