सुप्रीम कोर्ट के जज को हिमाचल प्रदेश में आया अटैक, एयर एंबुलेंस से लाया जा रहा दिल्ली

Published : Jun 16, 2022, 04:26 PM ISTUpdated : Jun 16, 2022, 05:52 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के जज को हिमाचल प्रदेश में आया अटैक, एयर एंबुलेंस से लाया जा रहा दिल्ली

सार

पटना के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस एमआर शाह को हिमाचल प्रदेश में हर्ट अटैक आया है। उनको एयर एंबुलेंस से दिल्ली इलाज के लिए लाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी गृह मंत्रालय से समन्वय स्थापित कर व्यवस्था में लगे हुए हैं। 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (SUpreme Court) के जज जस्टिस एमआर शाह (Justice MR Shah) को गुरुवार को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में दिल का दौरा पड़ा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके जस्टिस एमआर शाह को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी गृह मंत्रालय के साथ समन्वय कर रहे हैं और उन्हें इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली ला रहे हैं।

सीने में तकलीफ के बाद कराए गए भर्ती

सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के अनुसार न्यायमूर्ति शाह को सीने में कुछ तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद उनको इलाज के लिए दिल्ली लाने की व्यवस्था की गई। सूत्रों ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना उन्हें इलाज के लिए दिल्ली लाने के लिए न्यायमूर्ति शाह और गृह मंत्रालय के संपर्क में थे। न्यायमूर्ति शाह ने पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत में अवकाश पीठ की अध्यक्षता की थी।

जस्टिस शाह ने भेजा वीडियो संदेश

बाद में एक वीडियो संदेश में, न्यायमूर्ति शाह ने कहा कि वह स्थिर हैं और दिल्ली पहुंच रहे हैं। वीडियो संदेश में जस्टिस शाह ने कहा कि ईश्वर की कृपा से मैं ठीक हूं और स्थिर हूं। किसी बारे में चिन्ता की जरूरत नहीं। मैं दिल्ली पहुंच रहा हूं और आप मुझे देख सकते हैं। भगवान की कृपा से मैंने कल (बुधवार) दर्शन किया था और उसके एक दिन पहले और उसके बाद, मैं अपने और अपने परिवार के लिए सभी आशीर्वादों के साथ जा रहा हूं। भगवान सबका भला करे।

पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं एमआर शाह

न्यायमूर्ति शाह पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। 16 मई, 1958 को जन्मे न्यायमूर्ति शाह को 19 जुलाई, 1982 को एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था, और 7 मार्च, 2004 को उसी उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में अभ्यास किया था। वह 22 जून, 2005 को गुजरात उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश बने और बाद में 12 अगस्त, 2018 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। उन्हें 2 नवंबर, 2018 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 15 मई, 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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