कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेरोजगार युवकों की आवाज सुनें। उन्हें 'अग्निपथ' पर चलाकर उनकी 'अग्निपरीक्षा' नहीं लें। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूछा कि सरकार सेना में भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है?
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) का देशभर में विरोध हो रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को बेरोजगार युवाओं की आवाज सुननी चाहिए। सरकार बेरोजगार युवकों को 'अग्निपथ' पर चलाकर उनकी 'अग्निपरीक्षा' नहीं ले।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'न कोई रैंक, न कोई पेंशन। न 2 साल से कोई डायरेक्ट भर्ती। न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान। देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए, इन्हे 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।'
कम हो जाएगी ऑपरेशनल इफेक्टिविटी
बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि इससे उन सशस्त्र बलों की ऑपरेशनल इफेक्टिविटी कम हो जाएगी, जिनकी गरिमा और वीरता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर निशाना साधा था और पूछा था कि वह सेना में भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है?
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केंद्र सरकार ने मंगलवार को अग्निपथ योजना सार्वजनिक किया था। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के तहत इस साल तीनों सेनाओं में करीब 46,000 सैनिकों की भर्ती की जाएगी। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा। युवक चार साल सेना में सेवा देंगे। प्रत्येक बैच के 25 प्रतिशत लोगों की सेना में पक्की नौकरी लगेगी। बाकी 75 फीसदी जवानों को सेना से निकलना होगा। उन्हें दूसरी नौकरियों में वरीयता मिलेगी।
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