
Supreme Court Stray Dogs Order: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते कुत्तों के काटने और रैबीज (Rabies) के मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से हटाकर शेल्टर में भेजा जाए। साथ ही, कोर्ट परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में खुले में बचा हुआ खाना फेंकने पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों का खतरा बेहद गंभीर (Extremely Grim) है। किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा स्ट्रे डॉग्स को उठाने से रोकने की कोशिश की गई तो सबसे सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि डॉग शेल्टर में प्रशिक्षित प्रोफेशनल हों जो कुत्तों को संभालने, नसबंदी (Sterilisation) और टीकाकरण (Immunisation) की व्यवस्था करें और उन्हें बाहर न निकलने दें।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने यह आदेश तब दिया जब मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली में Rabies Deaths और Dog Bite Incidents के बढ़ते आंकड़े सामने आए। MCD के डेटा के मुताबिक, जनवरी से जून 2025 के बीच 49 Rabies Cases और 35,198 Animal Bite Incidents दर्ज किए गए। WHO के अनुसार, भारत में हर साल करीब 60,000 लोग Rabies से मरते हैं जो विश्व के कुल मामलों का 36% है।
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सुप्रीम कोर्ट परिसर में आवारा कुत्तों के बढ़ते आवागमन पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने कहा कि बचा हुआ खाना सिर्फ ढके हुए डस्टबिन (Covered Dustbin) में ही डाला जाए। खुले में या बिना ढके कंटेनर में खाना फेंकना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा, ताकि कुत्ते खाने की तलाश में कोर्ट परिसर में न घुसें और काटने की घटनाएं न हों।
दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच राजधानी में कुल 35,198 जानवरों के काटने (Animal Bite) के मामले सामने आए हैं। इसी अवधि में रैबीज (Rabies) के 49 मामले दर्ज हुए। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की नगर निकायों को आठ सप्ताह में डॉग शेल्टर बनाने और उसकी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।