सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन, ए राजा और 14 अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली। सनातन धर्म के खिलाफ विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की परेशानी बढ़ गई है। शुक्रवार को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि, ए राजा और 14 अन्य को नोटिस जारी किया है। उनसे सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर जवाब मांगा गया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मांग की गई थी कि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म का सफाया करने संबंधी बयान के लिए FIR दर्ज किया जाए। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने स्टालिन, ए.राजा और 14 अन्य के खिलाफ नोटिस जारी किया। कोर्ट ने सीबीआई और तमिलनाडु पुलिस को भी नोटिस जारी कर उनके जवाब मांगे हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे हेट स्पीच मामले से जोड़ने से इनकार कर दिया है।
सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन ने दिया था यह बयान
दो सितंबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक सेमिनार में सनातन धर्म को लेकर जो बयान दिया था उससे पूरे देश में बवाल मच गया था। उन्होंने डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से सनातन धर्म की तुलना की थी और कहा था कि इसके विरोध की नहीं बल्कि सफाये की जरूरत है।
'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' में बोलते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उन्होंने कहा, "कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, इन्हें सिर्फ समाप्त किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छड़ों, मलेरिया और कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे समाप्त करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना होगा।"
ए राजा समेत डीएमके के कई अन्य नेताओं ने भी सनातन धर्म के खिलाफ बयान देने में उदयनिधि का साथ दिया था। कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने से इनकी परेशानी बढ़ गई है।