
नई दिल्ली: आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि सड़कों और सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और निगरानी के लिए पेट्रोलिंग टीम बनाई जाए। निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सभी सड़कों से मवेशियों और कुत्तों जैसे जानवरों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाए। इसके लिए सरकारों और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणों को कदम उठाने होंगे। जानवरों का पता लगाने के लिए पेट्रोलिंग टीम नियुक्त की जानी चाहिए। सभी राज्य सरकारों को सरकारी दफ्तरों, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए कार्रवाई करनी होगी।
शिक्षण संस्थानों में कुत्तों के घुसने से रोकने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। इस मामले में रोजाना जांच होनी चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों से जानवरों को हटाने की कार्रवाई पर आठ हफ्तों के अंदर कदम उठाने होंगे। मुख्य सचिवों को लागू की गई बातों की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देनी होगी। पकड़े गए आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में ले जाकर उनकी नसबंदी की जानी चाहिए। इसके लिए नगर निगमों समेत स्थानीय निकायों को कार्रवाई करनी होगी। यह भी आदेश दिया गया है कि नसबंदी के बाद पकड़े गए कुत्तों को उसी जगह पर वापस न छोड़ा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में यह भी साफ किया है कि अस्पतालों जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों के घुसने से रोकने के लिए इंतजाम किए जाएं।