कोरोना का कहर: लॉकडाउन लगाने पर गंभीरता से विचार करे सरकार- सुप्रीम कोर्ट

Published : May 03, 2021, 12:03 PM ISTUpdated : May 17, 2021, 10:57 AM IST
कोरोना का कहर: लॉकडाउन लगाने पर गंभीरता से विचार करे सरकार- सुप्रीम कोर्ट

सार

देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महामारी से बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार करें। बता दें कि पिछले 24 घंटे में 3.68 लाख केस सामने आए हैं। 

नई दिल्ली. देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महामारी से बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार करें। बता दें कि पिछले 24 घंटे में 3.68 लाख केस सामने आए हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा, वे ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाएं, जहां ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की संभावनाएं हों। वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार जनहित में लॉकडाउन भी लगा सकती है।

आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों की व्यवस्था करे सरकार 
इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि लॉकडाउन का असर सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर पड़ सकता है। ऐसे में सरकार लॉकडाउन से पहले ऐसे लोगों के लिए व्यवस्था करे। 

पहचान पत्र ना होने पर भर्ती करने से मना नहीं कर सकते अस्पताल
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में मरीज को पहचान पत्र न होने पर अस्पताल में भर्ती करने या फिर आवश्यक दवा देने से मना नहीं किया जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान
कोर्ट ने कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए स्वत: संज्ञान लिया था। इस जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट्ट भी शामिल थे। कोर्ट ने चार मुद्दों वैक्सीन, ऑक्सीजन की कमी, दवाइयों की कमी और राज्यों को लॉकडाउन के अधिकार पर केंद्र से जवाब मांगा था। 

ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को दिए अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाए, ताकि अप्रत्याशित स्थिति में इसकी कमी ना हो। जरूरत पड़ने पर जल्द से जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सके।

सोशल मीडिया पर मदद मांगने वालों को परेशान ना करे सरकार
कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से कहा कि सोशल मीडिया पर मदद मांग रहे लोगों को परेशान करने या उनके खिलाफ कार्रवाई करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने आदेश की प्रति देश के सभी जिला मजिस्ट्रेट को भेजने का भी आदेश दिया। अब अगली सुनवाई 10 मई को होगी। 

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