जस्टिस एमआर शाह, सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली औपचारिक बेंच में आखिरी बार बैठे। इस दौरान वह बेहद भावुक हो गए और भावुक होकर रो पड़े।
Justice MR Shah breaks down in Court room: सुप्रीम कोर्ट के चौथे सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एमआर शाह के कार्यकाल का सोमवार को आखिरी दिन था। आखिरी दिन कोर्टरूम में जस्टिस शाह बेहद भावुक हो गए। अपने आंसूओं को रोक नहीं पाए। इस भावुक क्षण में उन्होंने कहा कि वह रिटायर होने वाले व्यक्ति नहीं हैं, जल्द ही जीवन में एक नई पारी की शुरूआत करेंगे।
आखिरी बार कोर्टरूम में औपचारिक बेंच में बैठे जस्टिस शाह
जस्टिस एमआर शाह, सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली औपचारिक बेंच में आखिरी बार बैठे। इस दौरान वह बेहद भावुक हो गए और भावुक होकर रो पड़े। कार्यकाल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने अपने संबोधन की समाप्ति राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर के गाने से किया। जीना यहां, मरना यहां...गाने को सुनाकर बताया कि कोर्टरूम कैसे उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि "मैं सेवानिवृत्त होने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मैं अपने जीवन की एक नई पारी शुरू करने जा रहा हूं। मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूं कि वह मुझे नई पारी खेलने के लिए शक्ति और साहस और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें। अलग होने से पहले, मैं राज कपूर के एक गीत को याद करना चाहूंगा 'कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा'।" इस गाने को सुनाते सुनाते उनका गला रूंध गया और रो पड़े।