हाईकोर्ट के फैसले पर SC की रोक, जिसमें कहा था कि बच्ची के ब्रेस्ट को कपड़े के ऊपर से छूना यौन अपराध नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले पर रोक लगा दी है। इसमें कहा गया था कि किसी नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट को कपड़ों के ऊपर से छूना यौन अपराध की श्रेणी में नहीं आता। इसमें पॉक्सो एक्ट नहीं बनता। इस फैसले की तीखी आलोचना हुई थी। खासकर महिलाओं ने इस फैसले पर हैरानी जताई थी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2021 11:17 AM IST

नई दिल्ली. नाबालिग लड़की के ब्रेस्ट को कपड़ों के ऊपर से छूने को पॉक्सो एक्ट के तहत यौन हमला नहीं मानने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पॉक्सो एक्ट के लिए त्वचा से त्वचा का छूना जरूरी है। यूथ एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने आरोपी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

यह है पूरा मामला
नागपुर में रहने वाली एक 16 साल की लड़की की तरफ से केस दर्ज कराया गया था। इसमें बताया गया कि जब वो 12 की थी यानी 2016 में, तब  39 वर्षीय आरोपी सतीश उसे खाने का सामान दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया। फिर अपने घर में उसके ब्रेस्ट को छूने की कोशिश की थी। उसे निर्वस्त्र करने भी जा रहा था। सेशन कोर्ट ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत तीन साल और IPC की धारा 354 के तहत एक साल की सजा सुनाई थी। दोनों सजाएं एक साथ चलनी थीं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला बदल दिया था
19 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने अपने फैसले में कहा कि ब्रेस्ट को कपड़े के ऊपर से छूना यौन हमला नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने आरोप को बरी कर दिया था। हालांकि IPC की धारा 354 के तहत सुनाई गई एक साल की कैद को बरकरार रखा था।

Share this article
click me!