8 साल का यह बच्चा भाई के साथ मिलकर रोज खोदता है कब्र, लाशों के ढेर के साथ बीतता है दिन

तुर्की द्वारा बमबारी करने के बाद सभी की निगाहें एक बार फिर सीरिया पर पहुंच गई हैं। आतंकी संगठन आईएसआईएस के कब्जे के दौरान का मंजर किसी से छिपा नहीं है। इसी मंजर को दो नाबालिग भाई जो कब्र खोदने का काम करते हैं, एक बार फिर याद किया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2019 8:57 AM IST / Updated: Oct 11 2019, 03:13 PM IST

दमिश्क. तुर्की द्वारा बमबारी करने के बाद सभी की निगाहें एक बार फिर सीरिया पर पहुंच गई हैं। आतंकी संगठन आईएसआईएस के कब्जे के दौरान का मंजर किसी से छिपा नहीं है। इसी मंजर को दो नाबालिग भाई जो कब्र खोदने का काम करते हैं, एक बार फिर याद किया है। 

जावद (8) और याजन (15), जिन्हें स्कूल में होना चाहिए, वे इस उम्र में अपना दिन लाशों के ढेरों के साथ बिता देते हैं। जावद और याजन अपने पिता के साथ कब्र खोदने का काम करते हैं, क्यों कि उनके पिता घस्सन के पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं। दोनों भाई जल्दी सुबह से देर शाम तक कब्रों को खोदने का काम करते हैं। हाथों से कब्रों की खुदाई के अलावा उन्हें इनके लिए पानी भी लाना पड़ता है। 

Latest Videos

परिवार के ज्यादातर सदस्यों की हो चुकी मौत
जावद और यासिन का परिवार अलप्पो का रहने वाला है। वे यहां आईएसआईएस के कब्जे वाले इलाके में रहते हैं। उनके परिवार के ज्यादातर सदस्य एयरस्ट्राइक में मारे जा चुके हैं। जावद ने आईएसआईएस शासन के बारे में बताया, वे लोगों की हत्या करते हैं। उनके गले काट देते हैं। वे महिलाओं के भी गले काट देते हैं। उन्हें चौराहों पर टांग देते हैं। एक बार उन्होंने एक बच्चे और एक महिला को मार कर टांग दिया था। 

'खेलने के लिए नहीं बचा कोई बच्चा'
जावद ने बताया, ''मैं छोटी गाड़ी या छोटे विमान से खेला करता था। मैं अपने घर के बाहर दोस्तों के साथ खेलता था। लेकिन अब वहां कोई नहीं खेलने के लिए। सभी लोग हवाई हमलों में मारे जा चुके हैं। हम वहां से निकल आए।''

याजन ने बताया कि आईएसआईएस उनके खेत पर रॉकेट की फैक्ट्री लगाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने वहां से हमें बाहर निकाल दिया। इसके दो हफ्ते बाद वे अपने अंकल के यहां गए। लेकिन यहां से निकलने के बाद ही इस घर में बड़ा बम धमाका हुआ। 

निर्दोषों के शव को देखना सबसे कठिन काम- याजन
याजन ने बताया, ''मैं काम से घर लौटते वक्त ब्रेड ले रहा था। उस वक्त मैं घर से सिर्फ 2-3 मीटर ही दूर था। मैंने वहां एक बड़ा धमाका देखा। इस धमाके में उनके अंकल और उनके दो बच्चे ही बच पाए। बाकी सभी लोगों की मौत हो गई। इसके बाद याजन और उनका परिवार अपने दादा के घर रहने लगा। 

याजन ने बताया, उनकी जिंदगी आपदा की तरह हो गई है। निर्दोष लोगों के शव को देखना सबसे कठिन काम होता है। टुकड़ों में किसी इंसान के शव को देखना, उसे दफन करना सबसे कठिन है। याजन अपने परिवार के साथ इदलिब में रहते हैं। यहां वे अपने पिता के साथ कब्र खोदने का काम करते हैं। इसमें उन्हें 1000 सीरियन लीरा मिल जाता है।   

Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts