जांबाजों को एक बेटी की श्रद्धांजलि: सामने गमों का पहाड़ लेकिन न टूटा हौंसला न डिगा इरादा, 11 मेडल जीत किया नमन

बांधवी सिंह .22 और 50 मीटर कैटेगरी की नेशनल चैंपियन भी बनी हैं। इस इवेंट के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं जहां उनके फूफा सीडीएस बिपिन रावत का अंतिम संस्कार चल रहा था। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 12:19 PM IST

भोपाल। तमिलनाडु में सेना के हेलीकॉप्टर के हुए भीषण हादसे से पूरा देश गमजदा है। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) , उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) सहित 13 सैन्य अफसर असमय काल के गाल में समा गए। इन सैन्य अफसरों के परिजन पर तो दु:खों का पहाड़ टूटकर गिर पड़ा था। इन बेहिसाब गम के बीच एक बेटी ने अनोखी श्रद्धांजलि दी है। सीडीएस की भतीजी नेशनल शूटर बांधवी सिंह (Bandhvi Singh) ने 11 मेडल जीतकर अपने फूफा को नमन किया। बांधवी सिंह मधुलिका रावत के छोटे भाई यशवर्धन सिंह की बेटी हैं। बांधवी ने अपने जीते सभी 11 मेडल्स को हेलीकॉप्टर हादसे के शहीदों को समर्पित किया है।

एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए बांधवी सिंह ने कहा, ‘इस बार शूटिंग चैंपियनशिप में मेरा एकमात्र लक्ष्य गोल्ड मेडल जीतना था। मैं हर गोल्ड उन्हें और उनके साथ शहीद हुए योद्धाओं को समर्पित करना चाहती थी। मैं उन्हें हमेशा एक मेंटॉर और मार्गदर्शक के रूप में याद रखूंगी।’ बांधवी ने पिछली चैंपियनशिप में 5 गोल्ड मेडल सहित 8 मेडल जीते थे। लेकिन इस बार गोल्ड की संख्या दोगुनी कर दी है।

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मेडल जीतकर रवाना हुईं दिल्ली

बांधवी सिंह .22 और 50 मीटर कैटेगरी की नेशनल चैंपियन भी बनी हैं। इस इवेंट के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं जहां उनके फूफा सीडीएस बिपिन रावत का अंतिम संस्कार चल रहा था। 

हमेशा ही प्रेरित करते थे, मैंने अपना मेंटॉर खोया

बांधवी सिंह ने कहा कि बिपिन रावत कम बोलते थे, पर जो भी बोलते थे, वह प्रेरणा देने वाली बातें होती थीं। वे हमेशा कहते थे कि जब भी कोई काम हाथ में लो तो तब तक आराम मत करो, जब तक कि वह उसे पूरा नहीं कर लो। मैंने अपना मेंटॉर खोया है। उनके निधन की जानकारी के बाद भी इस कारण ही मैं लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकी।

अक्टूबर में हुई थी अंतिम मुलाकात

बांधवी सिंह ने बताया कि अक्टूबर में जनरल बिपिन रावत से उनकी अंतिम मुलाकात हुई थी। पेरू में वर्ल्ड चैंपियनशिप से लौटने के बाद मैं 2 दिनों के लिए नई दिल्ली में उनके घर पर रूकी थी। बांधवी ने बताया कि कि वह मुझे कुछ इवेंट में अपने साथ ले गए। लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह उनके साथ मेरी आखिरी मुलाकात होगी। बांधवी एमपी शूटिंग एकेडमी की सदस्य हैं और वे हिस्ट्री से ग्रेजुएशन कर रही हैं।

बांधवी बताती हैं कि 10वीं क्लास में उन्होंने शूटिंग शुरू की थी। 12वीं कक्षा तक लगातार छह साल बांधवी सिंह हॉकी में नेशनल चैंपियन रहीं। बांधवी ने बताया कि डेली कॉलेज इंदौर में पढ़ाई के दौरान वे शूटिंग की ओर आकर्षित हुईं। 

ससुराल में खोलना चाहते थे सैनिक स्कूल

बांधवी के पिता यशवर्धन सिंह ने कहा कि दिवंगत जनरल बिपिन रावत मधुलिका के पैतृक निवास शहडोल में सैनिक स्कूल खोलना चाहते थे। हम शहडोल से ताल्लुक रखते हैं, जो आदिवासी बाहुल्य इलाका है। मैंने 15 दिन पहले जनरल रावत से बात की थी और उन्होंने जनवरी 2022 में शहडोल आने का वादा किया था।

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