NCRB रिपोर्ट में दावा- 'तमिलनाडु-कर्नाटक में ओवरस्पीड से सबसे ज्यादा मौतें'

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि ओवरस्पीड से सबसे ज्यादा मौतें तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में होती हैं। ओवरस्पीड से मरने वालों की तादात 55.9 प्रतिशत है जो अन्य तरह की एक्सिडेंटल मौतों से कहीं ज्यादा है।
 

Manoj Kumar | Published : Oct 25, 2022 5:26 AM IST / Updated: Oct 25 2022, 11:10 AM IST

NCRB Report. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि ओवरस्पीड से सबसे ज्यादा मौतें तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में होती हैं। ओवरस्पीड से मरने वालों की तादात 55.9 प्रतिशत है जो अन्य तरह की एक्सिडेंटल मौतों से कहीं ज्यादा है। ओवरस्पीड की वजह से देश के सभी राज्यों में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2020 से 2021 में सड़क दुर्घटना के मामले 16 प्रतिशत से ज्यादा बढ़े हैं।

एक्सिडेंट डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया इन 2021 टाइटल से एनसीआरबी ने एक रिपोर्ट जारी है। इस रिपोर्ट में 59.7 प्रतिशत मौतों का कारण ओवर स्पीडिंग को माना गया है। कुल 403116 एक्सीडेंट की मौतों में से 2 लाख 40 हजार से ज्यादा मौतें सिर्फ रोड एक्सीडेंट की वजह से हुई हैं। रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान 87050 लोगों की मौत हो गई जबकि 2 लाख 28 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें तमिलनाडु में ओवर स्पीड से 11419 मौतें रिकॉर्ड की गई जो सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है। वहीं कर्नाटक में 8797 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं। यह दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस वे हादसे में 4 मौते दर्ज की गई जबकि घायलों की संख्या 42 रिकॉर्ड हुई।

रोड एक्सीडेंट के मामले बढ़े
एनसीआरबी का डाटा बताता है कि 2020 से ज्यादा दुर्घटनाएं 2021 में रिकॉर्ड की गई। 2022 में 354796 मामले सामने आए वहीं 2022 में 403116 मामले दर्ज किए गए। यह बढ़ोतरी करीब 16 प्रतिशत की है। अकेले कर्नाटक में पिछले साल 34647 दुर्घटनाएं हुई जिसमें 10038 लोगों की मौत हो गई जबकि 40754 लोग घायल हो गए। भारत में जिस तरह से हाईवे और एक्सप्रेस वे का दायरा बढ़ता जा रहा है वैसे ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। केंद्र सरकार ने कई सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई नियम लागू किए हैं लेकिन ओवरस्पीडिंग अभी भी जानलेवा बना हुआ है।

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