
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर(Jammu and Kashmir) में आतंकवादियों ने टार्गेट किलिंग के जरिये लोगों में दहशत फैलाना शुरू कर दी है। करीब महीनेभर तक सुरक्षाबलों की कड़ी सर्चिंग के चलते आतंकवादी कोई घटना को अंजाम नहीं दे सके, लेकिन सोमवार यानी 8 नवंबर को उन्हें जैसे ही मौका मिला, एक बेगुनाह को मार दिया। टार्गेट किलिंग(Target killing) की यह घटना श्रीनगर के बोहरी कदल इलाके में हुई। यहां आतंकवादियों ने मोहम्मद इब्राहिम खान (45) को गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल इब्राहिम को SMHS अस्पताल लाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
केंद्रीय गृहमंत्री के दौरे के 15 दिन बाद फिर से हत्या
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 23 अक्टूबर से 4 दिन जम्मू-कश्मीर में रहे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। अगस्त 2019 में धारा 370 को निरस्त करने के बाद अमित शाह की यह पहली यात्रा थी। उन्होंने दो टूक कहा था कि आतंकवादी संगठनों को बख्शा नहीं जाएगा। उनकी विजिट के करीब 15 दिनों बाद आतंकवादियों ने फिर से इब्राहिम खान की जान लेकर टार्गेट किलिंग शुरू कर दी। SMHS अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. कंवलजीत सिंह के मुताबिक, इब्राहिम के बाएं सीने और पेट में गोली मारी गई थी। इससे पहले रविवार को आतंकियों ने बटमालू एरिया में एक पुलिसकर्मी को गोली मार दी थी।
सालभर में 27वीं हत्या
एक साल के अंदर आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली है। इनमें श्रीनगर में 12, पुलवामा में 4, अनंतनाग में 4, कुलगाम में 3, बारामूला में 2, बडगाम में एक और बांदीपोरा में एक की हत्या की। सोमवार को अपनी जान गंवाने वाले इब्राहिम अष्टंगी बांदीपोरा में रहते थे। वे एक कश्मीरी पंडित डॉ. संदीप मावा की दुकान में सेल्समैन थे। डॉ. संदीप मावा माखनलाल बिंद्रू के रिश्तेदार हैं, जिनकी 5 अक्टूबर को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिंद्रू को उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर गोली मारी गई थी।
घाटी में सबसे अधिक मौतें इस साल अक्टूबर में
जम्मू कश्मीर में अक्टूबर का महीना इस साल का सबसे कातिल महीना साबित हुआ है। एक ही महीने में आतंकी मुठभेड़ों में कुल 44 मौतें हुई हैं। आतंकियों ने दुस्साहस करते हुए अक्टूबर में 12 सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया। इसके अलावा 13 आम नागरिकों की जान भी आतंकियों ने ली है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने 19 आतंकियों को एकाउंटर में ढेर भी किया है।
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