
Air India Dreamliner crash:एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे के पीड़ितों के लिए Tata Sons ने शुक्रवार को मुंबई में ‘The AI-171 Memorial and Welfare Trust’ की स्थापना की है। ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पूरा कर लिया गया है। इस ट्रस्ट के माध्यम से अहमदाबाद प्लेन क्रैश के मृतकों के परिजन, घायलों और इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों की मदद की जाएगी। यह मदद तत्कालिक होने के साथ लांग टर्म की है।
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Tata Sons और Tata Trusts मिलकर इस ट्रस्ट में कुल 500 करोड़ रुपये का योगदान देंगे। दोनों संस्थाएं 250-250 करोड़ रुपये देंगी। ट्रस्ट के पैसे से मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि (ex-gratia), गंभीर रूप से घायल लोगों का मेडिकल ट्रीटमेंट कराया जाएगा। साथ ही हादसे में क्षतिग्रस्त बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल का पुनर्निर्माण भी ट्रस्ट ही कराएगा।
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इस ट्रस्ट को एक पांच-सदस्यीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज संचालित करेगा। फिलहाल दो ट्रस्टीज़ नियुक्त किए गए हैं। टाटा ग्रुप ने अपने पूर्व सीनियर अफसर एस पद्मनाभन, टाटा संस के जनरल काउंसल सिद्धार्थ शर्मा को ट्रस्टी नियुक्त किया है। तीन शेष ट्रस्टियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। ट्रस्ट के पूर्ण संचालन के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन और अन्य औपचारिकताएं जारी हैं।
ट्रस्ट केवल पीड़ितों तक सीमित नहीं रहेगा। यह हादसे के बाद सेवा देने वाले फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स, मेडिकल स्टाफ, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों को भी मानसिक, भावनात्मक और अन्य सहायता प्रदान करेगा।
इधर, Air Line Pilots' Association (ALPA) India ने मीडिया से अटकलों और अपुष्ट रिपोर्टिंग से बचने की अपील की है। ALPA India ने कहा कि हम सभी मीडिया संस्थानों और पत्रकारों से विनम्र आग्रह करते हैं कि AI-171 की दुखद दुर्घटना को लेकर आत्महत्या, मानसिक स्वास्थ्य या क्रू की लापरवाही जैसे संवेदनशील विषयों पर बिना ठोस जांच या प्रमाण के अनुमान न लगाएं।
12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जा रही थी लेकिन टेकऑफ के कुछ ही सेकेंड बाद विमान क्रैश होकर एक नजदीकी हॉस्टल व बिल्डिंग पर गिरा। इस हादसा में विमान में सवार 242 लोगों में 241 की जान चली गई। इसके अलावा बिल्डिंग में रहने वाले कई डॉक्टर्स व नागरिकों की मौत हो गई। इस हादसा में कम से कम 275 मौतें हुई। मरने वालों में पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल थे। विमान में सवार केवल एक व्यक्ति की जान बच गई थी।