
Waqf Bill: नरेंद्र मोदी सरकार की मुख्य सहयोगी तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) वक्फ विधेयक में एक अहम संसोधन की मांग कर सकती है।मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक टीडीपी राज्य वक्फ बोर्डों में गैर मुसलमान सदस्यों के मुद्दे पर मांग कर सकती है। टीडीपी ने मंगलवार को व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों से इस विधेयक पर चर्चा के दौरान मौजूद रहने के लिए कहा था। टीडीपी से जुड़े सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमान सदस्यों की भर्ती को राज्य के विशेषाधिकार पर छोड़ा जाना चाहिए। इसका मतलब ये है कि टीडीपी ये चाहती है कि वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमान सदस्य हों या नहीं, इसका निर्णय लेने का अधिकार राज्य के पास रहना चाहिए।
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि टीडीपी इसके अलावा वक्फ विधेयक में सभी संशोधनों का समर्थन करेगी। रिपोर्टों के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडु समेत टीडीपी के शीर्ष नेतृत्व ने मंगलवार देर रात तक वक्फ विधेयक को लेकर चर्चा की है। पार्टी ने विधेयक और इसके प्रभावों को समझने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की राय भी ली है। चंद्र बाबू नायडों ने मुसलिम समूहों से बात करके ये समझने की कोशिश भी की है कि उनके लिए वक्फ विधेयक में क्या स्वीकार्य है और क्या स्वीकार्य नहीं है।
इस बैठक के बाद टीडीपी सांसदों को समझाया गया कि संसद में उन्हें क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है। मीडिया रिपोर्टों में टीडीपी से जुड़े सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमानों को शामिल किए जाने का विरोध करके टीडीपी राज्य के मुसलमानों को ये संदेश देना चाहती है कि पार्टी उनके हितों की रक्षा करेगी।
टीडीपी ये संदेश देना चाहती है कि वो सिर्फ ऐसे बदलावों का समर्थन कर रही है जो मुसलमान समुदाय के हित में होंगे। मार्च में एक इफ्तार पार्टी के बाद चंद्र बाबू नायडु ने कहा था कि टीडीपी मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था कि टीडीपी के शासन में मुसलमान समुदाय के साथ न्याय किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: Waqf Bill: सरकार ने बहस के लिए रखा 8 घंटा, विपक्ष ने बताया क्या रहेगा उनका रवैया
नए वक्फ विधेयक के तहत केंद्र सरकार और राज्य के वक्फ बोर्डों को सलाह देने वाली केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर मुसलमान समदस्य भी हो सकते हैं। वक्फ के प्रभारी केंद्रीय मंत्री केंद्रीय वक्फ परिषद के चेयरमैन होते हैं। बाकी सभी सदस्यों का मुसलमान होना अनिवार्य है। इसमें दो महिला सदस्य होने की भी शर्त है। लेकिन नए विधेयक के तहत जो सांसद, पूर्व जज या प्रमुख लोग इस परिषद के सदस्य बनाए जाएंगे उनका मुसलमान होना अनिवार्य नहीं होगा।
इस विधेयक में ये भी कहा गया है कि यदि कोई सरकारी संपत्ति वक्फ के रूप में दर्ज है तो वो संपत्ति वक्फ नहीं रहेगी। अनिश्चितता की स्थिति में जिले के कलक्टर को ऐसी संपत्ति का मालिकाना हक तय करने का अधिकार होगा। यदि संपत्ति सरकारी पाई जाती है तो राजस्व रिकॉर्ड में उसे सरकारी संपत्ति के रूप में ही दर्ज किया जाएगा ना की वक्फ संपत्ति के रूप में।