राज्य सरकार 3 साल तक गांव को बजट ही नहीं जारी। कर्ज भरना उनके लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए आत्महत्या कर ली।
Big allegation on KCR government: तेलंगाना राज्य में सरपंचों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। गांव का विकास कराने के चक्कर में निजी तौर पर आर्थिक दिक्कत में आ गए हैं। तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष ए.रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया है कि राज्य में 60 सरपंचों ने आत्महत्या कर सिर्फ इसलिए मौत को गले लगा लिया क्योंकि वह अपने पास से काफी धन खर्च कर गांव का विकास कराए थे, राज्य सरकार 3 साल तक गांव को बजट ही नहीं जारी। कर्ज भरना उनके लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए आत्महत्या कर ली।
ग्राम पंचायतों को बकाया राशि नहीं भेज रही सरकार
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य में 60 सरपंचों की आत्महत्या की क्योंकि राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को बकाया राशि जारी नहीं की। उन्होंने कहा कि सीएम के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार में ग्राम पंचायतों को हिस्से का 35 हजार करोड़ रुपये दूसरी जगह खर्च कर दिया गया। गांव के लोग विकास नहीं होने पर सरपंचों पर प्रेशर बना रहे हैं। तमाम सरपंचों ने अपने पास सुरक्षित धन या कर्ज लेकर काम कराया है लेकिन सरकार से धन नहीं जारी होने पर कर्ज की वजह से जान दे रहे हैं।
कुछ ने कर्ज लिया तो कुछ ने पत्नियों के जेवर तक गिरवी रख दिए
सरपंचों को लेकर आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता ने कहा कि 15वें वित्त आयोग का धन आवंटन सरपंचों के खातों में किया गया था। लेकिन उस फंड को सरकार ने कहीं और डायवर्ट कर दिया। कई सरपंचों ने ब्याज पर उधार लेकर अपने-अपने गांवों के विकास के लिए अपना पैसा खर्च किया है। अब उनपर देनदारी बढ़ गई तो घर के गहने, पत्नियों के जेवर-मंगलसूत्र तक गिरवी रख रहे। करीब दो-तीन साल से जब प्रधानों के खातों में धन नहीं आया तो उन पर दबाव बढ़ा। कई इस प्रेशर को झेल नहीं पाए और मौत को गले लगा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया है कि राज्य के 60 सरपंचों ने आत्महत्या कर ली है जिसकी जिम्मेदार केसीआर सरकार है।
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