टेरर फंडिंग मामला: छह राज्यों में आतंकियों और गैंगस्टर्स के 100 से अधिक ठिकानों पर NIA की छापेमारी

Published : May 17, 2023, 07:38 AM ISTUpdated : May 17, 2023, 09:48 AM IST
NIA

सार

आतंकी गतिविधियों के लिए होने वाली फंडिंग (Terror funding) को लेकर NIA ने बड़ी कार्रवाई की है। NIA के अधिकारी आतंकियों और गैंगस्टर्स से जुड़े 122 ठिकानों पर छामेमारी कर रहे हैं।

नई दिल्ली। आतंकी गतिविधियों के लिए होने वाली फंडिंग (Terror funding) को लेकर NIA ने बड़ी कार्रवाई की है। NIA के अधिकारी आतंकियों और गैंगस्टर्स से जुड़े 122 ठिकानों पर छामेमारी कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छापेमापी छह राज्यों में हो रही है। दिल्ली एनसीआर में 32 और पंजाब में 67 जगहों पर छापेमारी की गई है। एनआईए आतंकी संगठनों नशीले पदार्थों के तस्करों और गैंगस्टरों के गठजोड़ को खंगाल रही है।

खालिस्तानी टेरर नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

एनआईए ने यह बड़ी कार्रवाई खालिस्तानी टेरर नेटवर्क के खिलाफ की है। आतंकी संगठन वारदात को अंजाम देने और हथियारों की सप्लाई के लिए आपराधिक गिरोहों का इस्तेमाल कर रहे हैं। गृह मंत्रालय में कुछ दिन पहले इस संबंध में बैठक हुई थी। बैठक में कहा गया था कि विदेश में बैठकर कुछ गैंगेस्टर भारत में टेरर फंडिंग कर रहे हैं। 

इसी मामले में एनआईए ने बुधवार को बड़ा अभियान चलाया है। छापेमारी दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में हो रही है। सूत्रों के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना गिरोह समेत अन्य आपराधिक गिरोहों की आतंकियों के साथ सांठगांठ को लेकर एनआईए जांच कर रही है।

जसविंदर सिंह मुल्तानी के सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी

NIA प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के सहयोगियों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। जसविंदर सिंह पिछले साल चंडीगढ़ में मॉडल बुड़ैल जेल के पास बम लगाने में शामिल था। उसे 2021 में लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के मास्टरमाइंड होने के आरोप में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था।

विदेशों में बैठे गैंगस्टर कर रहे अलगाववादियों को फंडिंग

NIA सूत्रों के मुताबिक विदेशों में बैठे गैंगस्टर खालिस्तानी अलगाववादियों को फंडिंग कर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को की जा रही छापेमारी में NIA के 200 से अधिक अधिकारी शामिल हैं। जसविंदर सिंह एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी सहयोगी माना जाता है। गुरपतवंत अलगाववादी गतिविधियों में शामिल है।

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