500 मीटर दूर ही ढेर हो जाएंगे देश के दुश्मन, इस खास रक्षा सौदे को मिली मंजूरी

चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बारत ने 2,290 करोड़ रुपए के हथियारों के सौदों को मंजूरी दी है। इनमें अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफलों की खरीद भी शामिल है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इन सौदों पर मुहर लगाई। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 28, 2020 5:49 PM IST / Updated: Sep 28 2020, 11:21 PM IST

नई दिल्ली. चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बारत ने 2,290 करोड़ रुपए के हथियारों के सौदों को मंजूरी दी है। इनमें अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफलों की खरीद भी शामिल है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इन सौदों पर मुहर लगाई। सेना ने अमेरिका कंपनी सिग सॉर से 780 करोड़ रुपए में 72 हजार असॉल्ट राइफल खरीद का भी फैसला लिया है। सेना को पहले ही 72,400 सिग सॉर असॉल्ट राइफल मिल चुके हैं, जिनकी खरीद पिछले साल फरवरी में करीब 700 करोड़ रुपए में की गई थी। 7.62x51 mm कैलिबर के इन राइफलों से दुश्मन को 500 मीटर की दूरी से ही ढेर किया जा सकता है।

सिग सॉर असॉल्ट राइफल्स की खरीद उस प्लान के तहत किया गया है जिसमें सेना को 8 लाख नए असॉल्ट राइफल उपलब्ध कराए जाएंगे। नए असॉल्ट राइफल 5.56 mm INSAS राइफल्स को रिप्लेस करेंगे, जो 22 साल पहले सेना को दिए गए थे। करीब डेढ़ लाख सिग सॉर राइफल्स की खरीद के बाद शेष का निर्माण मेक इन इंडिया प्रॉजेक्ट के तहत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अमेटी में AK-203 असॉल्ट राइफल्स का निर्माण शुरू होने वाला है।

46 हजार कार्बाइन खरीदने की प्रक्रिया शुरू 

सेना ने अक्टूबर, 2017 में करीब 7 लाख राइफल, 44,000 हल्की मशीन गन (एलएमजी) और करीब 44,600 कार्बाइन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी। दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना, पाकिस्तान और चीन से लगी देश की सीमाओं पर पैदा होती सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए अनेक शस्त्र प्रणालियों की खरीद की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दे रही है। इसके अलावा 970 करोड़ रुपए के स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियारों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है, जिससे नेवी और एयरफोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि डीएसी ने 'भारत निर्मित खरीद श्रेणी में 540 करोड़ रुपये की लागत से 'स्टेटिक एचएफ ट्रांस-रिसीवर सेट की खरीद के लिए भी मंजूरी दी। एचएफ रेडियो सेट थल सेना तथा वायु सेना की जमीनी इकाइयों के बीच निर्बाध संचार में मददगार होंगे।

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