ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु (Sadhguru) दुनिया में खराब होती मिट्टी की गुणवत्ता को बचाने को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं। इसी सिलसिले में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस(World Environment Day) पर दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम रखा गया है। इससे जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
नई दिल्ली. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस(World Environment Day) पर दिल्ली में द सेव सॉइल ईवेंट रखा गया है। इससे जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु (Sadhguru) दुनिया में खराब होती मिट्टी की गुणवत्ता को बचाने को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं। बता दें कि मार्च में मिट्टी बचाओ आंदोलन (सेव सॉयल) शुरू किया था। सद्गुरु पूरे विश्व में घूम कर इसकी सहमति के लिए बाइक से यात्रा कर रहे हैं। वे इसी कोशिश में यूरोप, मध्य एशिया और मध्य-पूर्व में 100 दिन, 30,000 किमी की अकेली बाइक यात्रा पर हैं।
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होगा कार्यक्रम
द सेव सॉइल ईवेंट 5 जून को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम काम्पलेक्स, इंद्रप्रस्थ एस्टेट में होगा। यह कार्यक्रम शाम 6 बजे से शुरू होगा। इसमें शामिल होने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें लिमिटेड सीटें हैं। आप जयपुर, मुंबई, हैदराबाद, विजयवाड़ा, बैंगलुरु, मैसू और कोयंबटूर से ऑनलाइन भी जुड़ सकते हैं। हिंदी भाषियों के लिए कार्यक्रम के ट्रांसलेट की व्यवस्था भी है। रजिस्ट्रेशन सदगुरु की आधिकारिक वेवसाइट https://isha.sadhguru.org पर जाकर करा सकते हैं।
दुनियाभर से मिल रहा द सेव सॉइल को समर्थन
दुनिया के सबसे प्रभावशाली इंटरनेशनल नॉन गवर्नमेंट इस्लामिक संगठनों में से एक मुस्लिम वर्ल्ड लीग की सेव सॉयल (Save Soil) को अपना समर्थन दे चुका है। पिछले दिनों इसी संबंध में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु सऊदी अरब पहुंचे थे। उन्होंने रियाद में इंडियन एंबेसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। इस मौके पर उन्होंने मुस्लिम वर्ल्ड लीग के सेक्रेटरी जेनेरल डॉ. अल इसा से मुलाकात कर सेव सॉयल के उद्देश्य को बताया था। सेक्रेटरी जेनेरल ने सदगुरु के काम की तारीफ की थी।
यह है द सेव सॉइल कैम्पेन
द सेव सॉइल आंदोलन का उद्देश्य दुनिया भर में मिट्टी के खतरनाक क्षरण के बारे में वैश्विक जागरूकता लाना है। जलवायु आपदा और विलुप्त होती प्रजातियां भी इसी मिट्टी की गुणवत्ता से जुड़ी हैं। सेव सॉइल आंदोलन (मृदा बचाओ) 192 देशों में मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए नीतिगत पहलों को प्राथमिकता देगा। इस आंदोलन का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर 3.5 अरब उन लोगों को इस दिशा में प्रेरित करना है।
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