अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे के सामने होंगी ये 8 चुनौतियां, आखिर उनके आने से कितनी बदलेगी कांग्रेस?

कांग्रेस को 24 साल बाद आखिरकार पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल चुका है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को एकतरफा मुकाबले में 6825 वोटों से हराते हुए ये उपलब्धि हासिल की। हालांकि, अध्यक्ष बनने के बाद उनके सामने पार्टी को मजबूत करने के साथ ही कई बड़ी चुनौतियां होंगी। 

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस को 24 साल बाद आखिरकार पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल चुका है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को एकतरफा मुकाबले में 6825 वोटों से हराते हुए ये उपलब्धि हासिल की। खड़गे को जहां 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को महज 1072 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। इसके अलावा 416 वोट रिजेक्ट हो गए। बता दें कि दलित समुदाय से आने वाले 80 साल के खड़गे कांग्रेस के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं। हालांकि, अध्यक्ष बनने के बाद उनके सामने पार्टी को मजबूत करने के साथ ही कई बड़ी चुनौतियां होंगी। आइए जानते हैं इन्हीं के बारे में। 

चुनौती नंबर 1 - सिर पर है गुजरात-हिमाचल प्रदेश चुनाव 
कांग्रेस की कमान संभालने ही मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। इसके बाद अगले साल यानी 2023 की शुरुआत में कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन कैसे वापस पाएगी, ये सबसे बड़ी चुनौती है। 

Latest Videos

चुनौती नंबर 2 - जमीनी नेताओं को संगठन में उनका हक दिलाना
खड़गे पर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के साथ ही जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता को संगठन में सम्मानजनक जगह दिलाने की भी चुनौती रहेगी। ऐसा न करने पर पार्टी के आम कार्यकर्ताओं में नकारात्मक संदेश जाएगा।

चुनौती नंबर 3 -17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी राज्यसभा सांसद नहीं
खड़गे के लिए ये भी सबसे बड़ी चुनौती है कि राज्यसभा में 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्क्मि, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार से भी राज्यसभा में कांग्रेस के सांसदों की संख्या घटी है। ऐसे में खड़गे इन राज्यों में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए आखिर किस रणनीति का इस्तेमाल करेंगे, ये देखना दिलचस्प होगा। 

चुनौती नंबर 4 - 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ 1-1 सांसद 
कई राज्यों में कांग्रेस के पास सिर्फ 1-1 सांसद हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गोवा और मेघालय शामिल हैं। ऐसे में नए-नए कांग्रेस अध्यक्ष बने खड़गे के पास इन राज्यों में कांग्रेस को एक बार फिर से खड़ा करने की बड़ी चुनौती होगी। 

चुनौती नंबर 5 - 6 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती ये भी है कि 6 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। 1967 में देश के 11 राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। वहीं, 1985 में ये बढ़कर 12 राज्यों में हो गई। हालांकि, अब हाल ये है कि देश के 6 राज्यों में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है।  

चुनौती नंबर 6 - सबसे बड़े राज्य यूपी में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 विधायक
आबादी के साथ ही देश की सबसे ज्यादा लोकसभा और विधानसभा सीटों के मामले में सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस की हालत बेहद खराब है। यूपी में 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटे हैं। करीब 23 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 विधायक आराधना मिश्रा और वीरेंद्र चौधरी हैं।   

चुनौती नंबर 7 - सिर्फ 2 राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री 
खड़गे के सामने अगली चुनौती इस बात की है कि देश के 28 राज्यों में सिर्फ 2 में ही कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। ये राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं। दोनों ही राज्यों में अब चुनाव भी नजदीक हैं। 1985 में जिस कांग्रेस की देशभर के 12 राज्यों में सरकार थी, वो 2022 आते-आते सिर्फ 2 राज्यों में बची। ऐसे में इन राज्यों में कांग्रेस को उबारना भी खड़गे के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। 

चुनौती नंबर 8 - सिर्फ 3 राज्यों में कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए अगली चुनौती वो 3 राज्य भी हैं, जहां कांग्रेस अपने दम पर नहीं बल्कि दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर गठबंधन वाली सरकार चला रही है। ये राज्य झारखंड, तमिलनाडु और बिहार हैं। ऐसे में इन राज्यों में भी कांग्रेस को अपनी जमीन पाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। 

ये भी देखें : 

24 साल बाद कांग्रेस को मिला गैर-गांधी अध्यक्ष, 7897 वोट पाकर खड़गे ने थरूर को दी एकतरफा शिकस्त

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की केजरीवाल सरकार के खिलाफ चार्जशीट
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025