त्रिपुरा के राजा के बेटे का दावा, हमारी पार्टी को 31 सीटें नहीं मिली तो BJP के 25-30 विधायक खरीद लेंगे

तिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने दावा किया है कि उनकी पार्टी को 31 सीटें नहीं मिलती है तो वह बीजेपी के 25-30 विधायकों को खरीद सकते हैं। इसके लिए वह अपने महल का कुछ हिस्सा बेच देंगे।

अगरतला। त्रिपुरा में 60 सीटों के लिए हो रहे विधानसभा चुनाव (Tripura Assembly Election 2023) के लिए मतदान चल रहा है। रिजल्ट आने से पहले ही विधायकों के खरीद-फरोख्त के बयान से राज्य की राजनीति गर्म हो गई है। त्रिपुरा के राजा के बेटे प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने दावा किया है कि उनकी पार्टी तिपरा मोथा को 31 सीटें (बहुमत का आंकड़ा) नहीं मिलती है तो वे भाजपा के 25-30 विधायकों को खरीद लेंगे। देबबर्मा तिपरा मोथा के प्रमुख हैं।

चुनाव के बाद गठबंधन और विधायकों की खरीद-फरोख्त के बारे में किए गए सवाल के जवाब में देबबर्मा ने कहा कि टिपरा मोथा को 31 से कम सीटें मिलती है तो वह भाजपा के 25-30 विधायकों को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। इसके लिए वह अपने महल के कुछ हिस्सों को बेच देंगे। उनके पास पैसे की कमी नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा क्यों कहा जाता है कि दूसरे दल के विधायक ही सिर्फ बिगाऊं हैं। देबबर्मा ने कहा कि भाजपा के लोगों को भी खरीदा जा सकता है।

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देबबर्मा बोले-हम 31 सीटें जीत रहे हैं
माणिक्य देबबर्मा ने कहा, “मुझे लगता है कि मतदान प्रतिशत 90% से अधिक होगा। त्रिपुरा के लोग हमें मौका देंगे। हमें जानकारी मिली है कि धनपुर और मोहनपुर में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हिंसा हुई है। ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत भी मिली है। मैं चाहता हूं कि पूरी मतदान प्रक्रिया से अंधेरे को दूर किया जाए। हमारी मांग लोगों को संवैधानिक अधिकार देने की है। उसके बाद हम सीएम चेहरे की बात करेंगे। चुनाव के दिन हर पार्टी कहेगी और मैं भी कहूंगा कि हम 31 सीटें जीत रहे हैं।”

किया था राजनीति छोड़ने का ऐलान
इससे पहले माणिक्य देबबर्मा ने 14 फरवरी को ऐलान किया था कि वह 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि आगे कभी भी 'बुबागरा' (राजा) के रूप में वोट नहीं मांगेंगे।

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कौन हैं माणिक्य देबबर्मा
माणिक्य देबबर्मा त्रिपुरा के राजपरिवार के सदस्य हैं। वह माणिक्य राजवंश से हैं। उनके पिता किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा त्रिपुरा के राजा था। 15 अक्टूबर, 1949 को माणिक्य राजवंश का विलय भारत में हो गया था। किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा कांग्रेस से तीन बार सांसद रह चुके हैं। माणिक्य देबबर्मा की मां बिभू कुमारी देवी त्रिपुरा सरकार में मंत्री रही हैं। माणिक्य देबबर्मा ग्रेट टिपरालैंड की मांग उठाते आ रहे हैं।

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