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आदि महोत्सव में देखें PM मोदी की 14 यूनिक तस्वीरें: कभी पीठ थपथपाई-कभी बारीकी से देखा आदिवासियों का टैलेंट
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नई दिल्ली. ये तस्वीरें दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में शुरू हुए आदि महोत्सव(Aadi Mahotsav) के दौरान की हैं। महोत्सव का उद्घाटन करने पहुंचे PM मोदी आदिवासी कला-संस्कृति, हस्तशिल्प, शिल्प और खान-पान के अलावा उनकी जीवनशैली से बहुत प्रभावित हुए। मोदी ने आदि महोत्सव के दौरान स्टॉल लगाने वाले आदिवासी हुनरमंद लोगों से मुलाकात की और उनसे खूब बतियाते। महोत्सव 16 से 27 फरवरी तक चलेगा। PM को अपने पास देखकर आदिवासी लोग जितने उत्साहित थे, उतनी खुशी मोदी में भी इन लोगों से बातचीत करते हुए दिखी। यूं लगा रहा था जैसे दो सितारों(मोदी और आदिवासीजन) का जमीन पर मिलन हुआ हो।
आदिवासी महोत्सव अपने तरह का एक मेला है, जिसमें आदिवासी संस्कृति, शिल्प, खान-पान, कॉमर्स और पारंपरिक कला का प्रदर्शन किया जा रहा है।
आदि महोत्सव का उद्देश्य देश की वृद्धि और विकास में आदिवासी समुदाय के योगदान को उचित सम्मान दिलाना है।
आदि महोत्सव जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (TRIFED) की एक वार्षिक पहल है।
इस साल आदि महोत्सव का आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया गया है।
कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित करेगा।
महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगर भाग लेंगे। 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
आदि महोत्सव का फोकस हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ आदिवासियों द्वारा उगाए गए श्री अन्न(अनाज) को प्रदर्शित करने पर होगा।
पीएम मोदी आदिवासी समाज को प्रोत्साहित करने और उनकी कला-संस्कृति और पहचान को बचाए रखने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
मोदी आदिवासी समाज को प्रोत्साहित करने और उनकी कला-संस्कृति और पहचान को बचाए रखने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
आदि महोत्सव का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा-जब विविधताओं को '𝐄𝐤 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭 𝐒𝐡𝐫𝐞𝐬𝐡𝐭𝐡𝐚 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭' के धागे में पिरोया जाता है, तो भारत की भव्यता दुनिया के सामने उभरती है। यह आदि महोत्सव इसी भावना का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि आदिवासियों के उत्पादों के माध्यम से विभिन्न कलाओं, कलाकृतियों, संगीत और सांस्कृतिक प्रदर्शन को देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई।
मोदी ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत की विविधता और इसकी भव्यता एक साथ आ गई है और आज इसकी परंपरा को उजागर कर रही है।
मोदी ने कहा-पिछले 8-9 वर्षों में 'आदि महोत्सव' जैसे आयोजन देश के लिए एक आंदोलन बन गए हैं।