TMC ने संक्रमण के चलते अपने सांसदों को वापस आने को कहा, संसद को स्थगित करने की भी उठाई मांग

पत्र में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्वयं सामाजिक दूरी बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता, बड़े समूहों में एकत्र नहीं होने और 65 साल एवं अधिक आयु के लोगों के बहुत एहतियान बरतने की जरूरत की बात की है।’’

Asianet News Hindi | Published : Mar 22, 2020 11:22 AM IST

नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को घोषणा की कि उसने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर अपने सभी सांसदों को संसद से लौटकर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस आने का निर्देश दिया है।

TMC संसद को स्थगित करने की अपील कर रही है

तृणमूल के सांसद एवं राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन और लोकसभा सांसद एवं लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सदन की कार्यवाही 23 मार्च (सोमवार) को पूरी कर दी जाए। तृणमूल के लोकसभा में 22 और राज्यसभा में 13 सदस्य हैं।

उसने कहा कि तृणमूल पिछले 10 दिन से संसद को स्थगित करने की सरकार से अपील कर रही है लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

राज्यसभा में 44% और लोकसभा में 22% सांसद 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं

पत्र में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्वयं सामाजिक दूरी बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता, बड़े समूहों में एकत्र नहीं होने और 65 साल एवं अधिक आयु के लोगों के बहुत एहतियान बरतने की जरूरत की बात की है।’’ उसमें कहा गया है, ‘‘राज्यसभा में करीब 44 प्रतिशत सांसद और लोकसभा में 22 प्रतिशत सांसद 65 साल से अधिक आयु के हैं। यह केवल सांसदों का ही सवाल नहीं है बल्कि हर रोज संसद परिसर में आने वाले हजारों लोगों का सवाल है। यह विरोधाभासी संदेश बहुत खतरनाक है।’’

TMC अपने सांसदों को खतरे में नहीं डालना चाहती

पत्र में कहा गया है कि दोनों सदनों में करीब 110 घंटे की चर्चा में समय का महज तीन प्रतिशत हिस्सा ऐसा था जब कोरोना वायरस वैश्विक महामारी पर चर्चा की गई। उसमें कहा गया है, ‘‘उनका कहना है कि सरकार संसद चलते रखना चाहती है ताकि सांसद देश को भरोसा दिलाएं और मिसाल पेश करें। यह बेहद गैर जिम्मेदाराना नजरिया हैं। हमें ऐसी मिसाल कायम नहीं करनी चाहिए।’’ पत्र में लिखा है, ‘‘अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस जाने की सलाह दी हैं।’’

पत्र में कहा गया है कि पार्टी इस बात को समझती है कि एक अप्रैल 2020 को वित्त वर्ष शुरू होने से पहले वित्त विधेयक पारित करना जरूरी है लेकिन किसी को अपना स्वास्थ्य खतरे में नहीं डालना चाहिए।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)

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