बांग्लादेश सीमा पर खोदी गई खाई में 4 बच्चों की मौत, टीएमसी ने BSF पर लगाए लापरवाही के आरोप

पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा पर खुदवाए गए खाई में मिट्टी धंसने से बीते दिनों चार बच्चों की मौत हुई। इस मामले में TMC ने BSF पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

 

Vivek Kumar | Published : Feb 14, 2024 5:27 PM IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में बीते दिनों बांग्लादेश सीमा पर एक हादसे में चार बच्चों की मौत हो गई। मारे गए बच्चों की उम्र 5 से 12 साल थी। वे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की अनुमति से खोदी गई खाई में खेल रहे थे तभी मिट्टी धंस गई, जिससे बच्चों की मौत हो गई। अब इस मुद्दे को लेकर राजनीति हो रही है।

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी TMC (तृणमूल कांग्रेस पार्टी) ने BSF पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वहीं, BSF ने इस बात का खंडन किया है कि उसकी ओर से लापरवाही की गई। BSF ने बताया है कि तस्करी रोकने के लिए बांग्लादेश से लगी सीमा पर खाई खुदवाना जरूरी है।

बाड़ के पास खाई खोदकर के लिए स्थानीय व्यक्ति ने किया था अनुरोध

BSF ने बयान जारी कर कहा, "11 फरवरी को चेतनगच गांव का अशिरुल नाम का एक व्यक्ति बॉर्डर आउट पोस्ट चेतनगच पहुंचा था। उसने कहा था कि उसे एक चाय बागान की बाहरी परिधि को मिट्टी से समतल करना है। उसने भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ के पास खाई खोदकर मिट्टी निकालने का अनुरोध किया था।"

BSF ने कहा, "भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी बड़ा मामला है। पशु तस्करों को भारत से बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी करने से रोकने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के साथ ही संवेदनशील स्थानों पर मवेशी-रोधी खाई खोदी गई है। इससे काफी हद तक पशु तस्करी को नियंत्रित करने में मदद मिली है। राज्य सरकार भी मनरेगा परियोजना के तहत मवेशी रोधी खाई खोदने का काम कराती है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।"

जेसीबी की मदद से की गई थी खुदाई

BSF ने कहा, "पोस्ट कमांडर अशिरुल के अनुरोध पर सहमत हो गए थे। इससे दो काम एक साथ होने थे। एक अशीरुल को अपनी जरूरत के लिए मिट्टी मिल जाती और दूसरा मवेशी तस्करी रोकने के लिए खाई खुद जाती। यह इलाका पशु तस्करी के मामले में बहुत संवेदनशील और असुरक्षित है। जेसीबी की मदद से खुदाई की गई थी। खाई के अंदर कुछ बच्चे खेल रहे थे तभी एक तरफ की मिट्टी की दीवार उनके ऊपर गिर गई। इस हादसे में चार बच्चों की मौत हुई।"

बीएसएफ ने तुरंत बचाव अभियान के लिए जवानों को भेजा। बच्चों को समय पर हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए गाड़ी उपलब्ध कराई गई। हालांकि डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। BSF चार बच्चों के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है और इस कठिन समय में शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

टीएमसी ने किया मामले का राजनीतिकरण

दूसरी ओर टीएमसी ने इस मामले का राजनीतिकरण किया है। टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य देव इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "गृह मंत्री अमित शाह चुनाव की योजना बनाने में बहुत व्यस्त हैं। हम आपने ध्यान में बंगाल के लोगों के प्रति आपकी उदासीनता और लापरवाही के चलते हुआ एक हादसा ला रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा कंट्रोल किए जाने वाले BSF की लापरवाही ने उत्तर दिनाजपुर में 4 मासूमों की जान ले ली। इस त्रासदी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए?"

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देबांग्शु भट्टाचार्य ने एक्स पर मृतक बच्चों के शव की तस्वीरें शेयर की। इसके साथ ही लिखा, “अमित शाह और बीएसएफ को अवैध निर्माण करने और इतनी लापरवाही बरतने की हिम्मत कैसे हुई? इस त्रासदी में जान गंवाने वाले 4 बच्चों की क्या गलती थी? शोक संतप्त परिवारों का सामना करने के लिए कौन है?”

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