TRAI extended deadline: ट्राई ने ओटीपी सहित कमर्शियल मैसेजों पर ट्रेसेबिलिटी रिक्वायरमेंट को लागू करने की डेडलाइन को बढ़ा दी है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) अन्य मैसेजों पर ट्रेसेबिलिटी रिक्वायरमेंट्स को लागू करने का 1 दिसंबर 2024 तक मौका दिया है। इसके लागू होने के बाद स्पैम और फिशिंग के लिए मैसेजिंग सर्विसेस का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।
दरअसल, सर्विस में बाधा और अन्य परेशानियों को देखते हुए टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने अपनी चिंताओं से ट्राई को अवगत कराया था। ऑपरेटर्स की परेशानियों को देखते हुए ट्राई ने समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया। ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को ट्रेसेबिलिटी नियम लागू करने के लिए एक नवम्बर तक डेडलाइन लागू की थी। लेकिन ऑपरेटर्स ने चेताया था कि 1 नवंबर से ट्रेसेबिलिटी नियम लागू करने से बड़े पैमाने पर मैसेज सेंडिंग में डिस्टर्बेंस हो सकते हैं क्योंकि बैंक और टेलीमार्केटर्स सहित कई बिजनेस अभी तक टेक्निकल रूप से बदलावों के लिए तैयार नहीं हैं।
ट्राई के अनुसार, ट्रेसिबिलिटी मैनडेट का अनुपालन नहीं करने वाले संदेशों को 1 दिसंबर से ब्लॉक कर दिया जाएगा। पहले इसकी समय सीमा 1 नवम्बर निर्धारित की गई थी। दरअसल, दूरसंचार कंपनियों ने बताया था कि अधिकतर टेलीमार्केटर्स और प्रमुख संस्थाओं (पीई) को ओटीपी जैसे महत्वपूर्ण मैसेज डिलेवरी के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। जिसके लिए समय अभी और लग सकता है।
टेलीकॉम इंडस्ट्री के अनुसार, भारत में हर दिन 1.5 से 1.7 बिलियन कमर्शियल संदेश भेजे जाते हैं। अगर नए नियम लागू किए गए और कंपनियों ने अपने सिस्टम अपग्रेड नहीं किए तो तमाम इंडस्ट्रीज और जनजीवन के महत्वपूर्ण काम ठप पड़ जाएंगे। ट्राई ने कहा कि 30 नवम्बर तक सभी ऑपरेटर्स व अन्य संस्थाएं अपना सिस्टम अपग्रेड कर लेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 दिसंबर से अपरिभाषित या बेमेल टेलीमार्केटर सीरीज वाले मैसेजों को सिस्टम द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा।
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