ट्राई सर्विस एजुकेशन कोर और संयुक्त सैन्य स्टेशन सेनाओं से भविष्य के लिए तैयार होगी सेनाएं

Published : Sep 18, 2025, 04:43 PM IST
Rajnath Singh at Combined Commanders Conference in Kolkata

सार

Combined Commanders Conference: थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के बीच एकीकरण बढ़ाने के लिए ट्राई सर्विस एजुकेशन कोर और संयुक्त सैन्य स्टेशनों की स्थापना का फैसला किया गया है। इससे सेनाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। 

Indian Armed Forces: भारतीय सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण बढ़ाने के लिए संयुक्त सैन्य स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही सेना, नौसेना और वायु सेना की शिक्षा शाखाओं का विलय कर एक एकल त्रि-सेवा शिक्षा कोर की स्थापना की जाएगी। कोलकाता में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में ये फैसले लिए गए।

एकीकृत रक्षा स्टाफ (IDS) मुख्यालय ने X पर एक पोस्ट में कहा, "संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन (CCC) 2025 के अंतिम दिन, तीनों सेनाओं की शिक्षा शाखाओं को मिलाकर एकल त्रि-सेवा शिक्षा कोर बनाने के निर्णय की घोषणा की गई। तीन संयुक्त सैन्य स्टेशनों के गठन का भी फैसला लिया गया है।"

एकीकरण से भविष्य के लिए तैयार होगी सेनाएं

एशियानेट न्यूजेबल इंग्लिश ने भारत के शीर्ष सैन्य नेतृत्व द्वारा हाल ही में लिए गए फैसलों के बारे में सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज (CENJOWS) के महानिदेशक मेजर जनरल अशोक कुमार (रिटायर) से बात की। CENJOWS एक ट्राइ सर्विस थिंक टैंक है जो भारत की एकीकृत राष्ट्रीय शक्ति को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने और तालमेल को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

मेजर जनरल अशोक कुमार ने कहा, "ज्वाइंटनेस, इंटीग्रेशन और थिएटराइजेशन भारतीय सेना के पुनर्गठन के लिए तय किए गए टारगेट थे। थिएटर कमानों के संचालन के लिए मिलकर और तालमेल के साथ काम करना जरूरी है।" उन्होंने कहा,

इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स को भविष्य के लिए तैयार के लिए लगभग 200 क्षेत्रों की पहचान की गई है। इस दृष्टिकोण ने हमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण प्रदर्शन करने में भी मदद की।

लंबे समय से लंबित था संयुक्त सैन्य स्टेशन स्थापित करने का मामला

अशोक कुमार ने कहा कि तीनों सेनाओं के लिए समान सैन्य स्टेशनों का निर्माण लंबे समय से लंबित था। अब समय आ गया है कि सभी भूमि, बुनियादी ढांचे और स्टेशनों को साझा स्टेशन घोषित किया जाए। सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में एक व्यावहारिक नीति विकसित की जा सकती है।

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रक्षा मंत्री ने "जय" मंत्र पर डाला प्रकाश

एक दिन पहले, कमांडरों को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 सितंबर को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए "जय (संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार)" के मंत्र पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश का रक्षा क्षेत्र आधुनिकीकरण, परिचालन तत्परता, तकनीकी श्रेष्ठता और विश्वसनीय निवारण पर केंद्रित है। उन्होंने भविष्य के लिए तैयार टेक्नोलॉजी के विकास के लिए उद्योग और शिक्षा जगत को साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।

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