हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी का मामला सोमवार को संसद में गूंजा। तृणमूल सांसद और अभिनेत्री भी हैदराबाद की घटना का जिक्र करते हुए भड़क गईं।
नई दिल्ली. हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी का मामला सोमवार को संसद में गूंजा। तृणमूल सांसद और अभिनेत्री भी हैदराबाद की घटना का जिक्र करते हुए भड़क गईं। मिमी चक्रवर्ती ने कहा, मैं सभी संबंधित मंत्रियों से अपील करती हूं कि इस मामले में ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे लोग रेप तो छोड़ो गलत नजर से महिला को देखने से पहले भी 100 बार सोचें।
मिमी ने कहा, मैं भी जया बच्चन से सहमत हूं। मैं नहीं सोचती कि हमें बलात्कारियों को सुरक्षा के साथ कोर्ट ले जाना चाहिए। फिर न्याय के लिए इंतजार करना चाहिए। इन लोगों को तुरंत सजा देने की जरूरत है।
इससे पहले सदन में सभी पार्टियों ने एक स्वर में इस कृत्य की निंदा की। महिला सांसदों का भी गुस्सा साफ नजर आया। सपा सांसद जया बच्चन, भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने साफ तौर पर कहा कि दोषियों को जनता के सामने सजा देनी चाहिए।
दोषियों को भीड़ के हवाले करें- जया बच्चन
सपा सासंद जया बच्चन भी हैदराबाद का जिक्र करते हुए सदन में भड़क गईं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर कितनी बार सदन में चर्चा हो चुकी है। जया ने कहा, हैदराबाद हुआ, निर्भया हुआ, कठुआ हुआ। इस पर सरकार से पूछा जाना चाहिए और उन्हें सही और सटीक जवाब देना चाहिए। कुछ देशों में जनता दोषियों को सजा देती है। दोषियों को अब जनता ही सबक सिखाए। ऐसे लोगों को जनता में देकर लिंच कर देना चाहिए।
मां कहे कि मेरे बेटे को फांसी पर लटका दो
भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने कहा, ''बहुत ही भयावह और दुखद घटना है। जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है। सिर्फ कानून बना देने से काम नहीं चलेगा। ऐसे लोगों को चौराहे पर पूरी दुनिया और मीडिया के सामने फांसी पर टांग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी आगे आना चाहिए। हर मां कहे कि मेरा बेटा ऐसा काम करे तो उसे फांसी पर लटका दो।
इस बार कड़ा संदेश देने की जरूरत- अनुप्रिया पटेल
मिर्जापुर से अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा, राज्य सरकार का रवैया ठीक नहीं रहा। पीड़ित परिवार को एफआईआर लिखाने में परेशानियां हुईं। मुख्यमंत्री तीन दिन बाद फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाने का फैसला ले पाए। हम हैदराबाद गैंगरेप की निंदा करते हैं। बार-बार ऐसी घटनाएं होती हैं और सदन इस पर चर्चा करता है। देश की आधी आबादी सुरक्षित नहीं है। अबकी बार हमें अब चुप नहीं रहना है। इस बार इतना कड़ा संदेश देते हुए उदाहरण पेश करना है।