त्रिनिदाद और टोबैगो का यूपी-बिहार से खास रिश्ता, बिहार के इस जिले से ताल्लुक रखती हैं प्रधानमंत्री कमला

Published : Jul 04, 2025, 08:02 AM IST
PM Modi rinidad and Tobago Visit

सार

PM Modi Trinidad and Tobago Visit: पीएम मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं इस देश का यूपी-बिहार से गहरा रिश्ता है? 

PM Modi Trinidad and Tobago Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना की सफल यात्रा के बाद कैरेबियन देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचे, जहां राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में उनका भव्य और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह द्वीपीय देश भारत, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार से एक गहरा और ऐतिहासिक रिश्ता रखता है?

यूपी-बिहार से है खास रिश्ता

1834 में ब्रिटेन द्वारा अफ्रीका में गुलामी प्रथा खत्म होने के बाद, त्रिनिदाद में चीनी बागानों के लिए मजदूरों की कमी हो गई। इस कमी को पूरा करने के लिए भारत, खासकर यूपी और बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों जैसे छपरा, आरा, बलिया, सीवान, गोपालगंज, बनारस, आजमगढ़ से मजदूरों को "गिरमिटिया" के रूप में लाया गया था।

 

 

40 से 45 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के

आज त्रिनिदाद एंड टोबैगो की लगभग 13.5 लाख की आबादी में करीब 40 से 45 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के हैं। इनमें से अधिकांश वे हैं जिनके पूर्वज यूपी और बिहार से आए थे। ये लोग न केवल वहां बस गए बल्कि उन्होंने अपनी संस्कृति, परंपराओं को भी बनाए रखा।

कमला प्रसाद बिसेसर का बिहार से है खास रिश्ता

आपको यह जानकर गर्व होता है कि त्रिनिदाद एंड टोबैगो की वर्तमान प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर का पैतृक गांव भारत के बिहार राज्य के बक्सर जिले का भेलूपुर है। उनके परदादा राम लखन मिश्रा भारत से त्रिनिदाद गए थे। कमला बिसेसर 2010 में देश की पहली महिला और भारतीय मूल की प्रधानमंत्री बनीं, और 2025 में दोबारा इस पद पर चुनी गईं। इसके अलावा, वर्तमान राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और लोकसभा अध्यक्ष जगदेव सिंह भी भारतीय मूल के हैं। यह त्रिनिदाद की राजनीति और समाज में भारतीय प्रवासियों के गहरे प्रभाव को दर्शाता है।

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त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय संस्कृति आज भी जिंदा

त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय संस्कृति आज भी जिंदा है। होली और दिवाली जैसे भारतीय त्योहार वहां राष्ट्रीय अवकाश घोषित हैं। भोजपुरी भाषा, चटनी संगीत, लिम्बो नृत्य, और पारंपरिक भारतीय व्यंजन आज भी आम जनजीवन का हिस्सा हैं। इससे यह साफ पता चलता है कि यूपी और बिहार की संस्कृति आज भी इस दूर देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो में जिंदा है और लोग उसे दिल से अपनाए हुए हैं।

 

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