त्रिपुरा में कौन होगा अगला मुख्यमंत्री, तय करने के लिए शाह के खास सिपहसलार भूपेंद्र यादव पहुंचे अगरतला

Published : May 14, 2022, 04:37 PM ISTUpdated : May 14, 2022, 06:14 PM IST
त्रिपुरा में कौन होगा अगला मुख्यमंत्री, तय करने के लिए शाह के खास सिपहसलार भूपेंद्र यादव पहुंचे अगरतला

सार

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। अमित शाह से मिलने के बाद बिप्लव देब ने अपना इस्तीफा शनिवार को गवर्नर से मिलकर सौंपा है। 

नई दिल्ली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने अपने पद से इस्तीफा (Biplab Kumar Deb resigned) दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। शनिवार को राज्य में हुए इस बड़े उठापटक के बीच नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक भी अगरतला पहुंच चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के खास सिपहसलार केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) राजधानी पहुंचे। उनके साथ पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े भी हैं। शनिवार यानी आज ही नए मुख्यमंत्री का भी ऐलान कर दिया जाएगा। 

बिप्लव देब ने एकदिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद त्रिपुरा में नेतृत्व परिवर्तन की आशंका तेज हो गई थी। अगले साल त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो बिप्लव देब को बदलकर नेतृत्व कार्यकर्ताओं और जनता के गुस्से को शांत करना चाहती है।  

त्रिपुरा में बिप्लब के नेतृत्व में पहली बार बनी थी बीजेपी सरकार

साल 2018 में बीजेपी पहली बार त्रिपुरा में सरकार बनाने में सफल हुई थी। बीजेपी ने यहां मुख्यमंत्री के रूप में बिप्लव देब को चुना। करीब ढाई दशक के वाम मोर्चे की सरकार को भाजपा ने यहां आईपीएफटी (IPFT) के साथ गठबंधन करके हटाया था। हालांकि, बताया जा रहा है कि बीते कुछ महीनों से पार्टी अंतर्कलह से जूझ रही है। 

दो नामों की चर्चा लेकिन कोई तीसरा भी बाजी मार सकता

त्रिपुरा ही नहीं पूरे देश में राजनीतिक विश्लेषक अब यह जानने की कोशिश में हैं कि त्रिपुरा में बिप्लव देब के बाद अब कौन? शनिवार की शाम तक विधायक दल की मीटिंग में यह जवाब मिल जाए लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रतिमा भौमिक व जिष्णु देवबर्मन के नामों की चर्चा नए मुख्यमंत्री के तौर पर हो रही है। इन दोनों को सीएम की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। लेकिन बीजेपी के इतिहास को देखते हुए यह भी कहना सही होगा कि कोई नया चेहरा सामने आ सकता है।

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