ट्विटर ने संसदीय समिति से लिखित में माफी मांगी, वीडियो कॉलिंग के दौरान लद्दाख को बताया था चीन का हिस्सा

भारत के लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने पर ट्विटर ने संसदीय समिति से लिखित में माफी मांगी है। ट्विटर ने अपने जवाब में कहा है कि 30 नवंबर तक इसे ठीक कर दिया जाएगा। दरअसल, ट्विटर इंडिया ने 18 अक्टूबर को एक शख्स की वीडियो कॉलिंग के दौरान लद्दाख की एक लोकेशन को चीन (China) के हिस्‍से के रूप में दिखा दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर का विरोध होने लगा था। वहीं, केंद्र सरकार ने ट्विटर से इस पर जवाब मांगा था। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2020 11:46 AM IST

नई दिल्ली. भारत के लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने पर ट्विटर ने संसदीय समिति से लिखित में माफी मांगी है। ट्विटर ने अपने जवाब में कहा है कि 30 नवंबर तक इसे ठीक कर दिया जाएगा। दरअसल, ट्विटर इंडिया ने 18 अक्टूबर को एक शख्स की वीडियो कॉलिंग के दौरान लद्दाख की एक लोकेशन को चीन (China) के हिस्‍से के रूप में दिखा दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर का विरोध होने लगा था। वहीं, केंद्र सरकार ने ट्विटर से इस पर जवाब मांगा था। 

केंद्र सरकार की संसदीय समिति ने 22 अक्टूबर को ट्विटर इंडिया को एक पत्र लिखकर ट्विटर सीईओ जैक डौरसी को भारत की संप्रभुता और भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करने को कहा था। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यह हरकत बर्दाश्त के बाहर है। भारतीय कानून का उल्लंघन और देश की संप्रभुता और अखंडता से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।

पिछले जवाब में ट्विटर ने नहीं मांगी थी माफी 
ट्विटर ने इस मामले में सफाई दी थी। कंपनी ने कहा था कि हम इस तकनीकी समस्‍या से अवगत हैं। हम इसको समझते हैं और इसकी संवेदनशीलता का सम्‍मान करते हैं। हमारी टीम ने इसकी जांच की और जियोटैग की इस समस्‍या को अब हल कर लिया गया है। हालांकि ट्वीटर ने इसके लिए माफी नहीं मांगी थीं। 

संसदीय समिति ने लगाई थी फटकार
संसदीय समिति ट्विटर के इस जवाब से संतुष्ट नहीं थी। भाजपा सांसद और डेटा सुरक्षा की संसदीय समिति मीनाक्षी लेखी ने कहा था, ट्विटर ने ऐसा करके भारत की संप्रभुता और अखंडता का अपमान किया है। ट्विटर ने भारत के डेटा सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है जिसके तहत उसके अधिकारियों को 7 साल की कैद भी हो सकती है। उन्होंने कहा था, भारतीय हिस्से को चीन के हिस्से के रूप में दिखाए जाने को लेकर ट्विटर ने जो स्पष्टीकरण दिया था, वो अपर्याप्त है। 

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